बीजिंग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसी महीने के आखिरी में चीन में मुलाकात करेंगे. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मौजूदगी में कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ शिखर वार्ता के लिए 27 से 28 अप्रैल तक चीन के दौरे पर आएंगे.''


इससे पहले सुषमा स्वराज और वांग यी दोनों नेता ने द्विपक्षीय संबंधों पर और रिश्तों में सुधार के लिए उच्च स्तरीय संवाद की गति को तेज करने पर चर्चा की. शंघाई सहयोग संगठन ( एससीओ ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सुषमा स्वराज कल चार दिन के दौरे पर यहां पहुंची हैं.


मोदी चौथी बार करेंगे चीन का दौरा
साल 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह चौथी चीन यात्रा होगी. वह 9 और 10 जून को क्विंगदाओ शहर में होने जा रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भी चीन आने वाले हैं. मोदी और शी की शिखर बैठक से पहले दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संवाद की श्रृंखला संपन्न हो चुकी है. इसकी शुरूआत पिछले साल दिसंबर में चीनी विदेश मंत्री वांग की भारत यात्रा से हुई थी. डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच यह पहला उच्च स्तरीय संवाद था.


इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और उनके चीनी समकक्ष यांग जिशी के बीच मुलाकात हुई. इस साल के शुरू में विदेश सचिव विजय गोखले भी बीजिंग गए थे. दोनों देशों के बीच 11 वें संयुक्त आर्थिक समूह की बैठक हो चुकी है. हाल ही में उनके बीच पांचवी रणनीतिक आर्थिक वार्ता भी हुई.


सतलुज और ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन का फैसला
बीजिंग में साझा प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सुषमा ने कहा, ''चीन ने कहा है कि वह सतलुज और ब्रह्मपुत्र नदी से जुड़ा डाटा साझा करेगा. हम इस फैसले का स्वागत करते हैं. साथ ही चीन ने कहा है कि नाथूला-पास से होकर कैलाश मानसरोवर यात्रा इसी साल से फिर से शुरू होगी.''


विदेश मंत्री ने कहा, ''भारत और चीन आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन,  सतत विकास, वैश्विक स्वास्थ्य सेवा के लिए साथ काम करने के लिए राजी है.''


सुषमा की शानदार आगवानी
द्विपक्षीय मुलाकात से पहले वांग ने बीजिंग स्थित दिआयुतई स्टेट गेस्ट हाउस में सुषमा की अगवानी की. वांग को पिछले माह स्टेट काउंसिलर बनाया गया है जिसके बाद वह चीन के पदक्रम में शीर्षस्थ राजनयिक बन गए हैं. साथ ही वह विदेश मंत्री के पद पर भी बने हुए हैं.


स्टेट काउंसिलर बनाए जाने के बाद वांग से सुषमा की यह पहली मुलाकात है. मुलाकात के दौरान सुषमा ने वांग को स्टेट काउंसेलर बनाए जाने तथा भारत चीन सीमा वार्ताओं के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने पर बधाई दी. वांग ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय विकास हुआ है और दोनों देशों के नेताओं की देखरेख में इस साल एक सकारात्मक गति भी देखने को मिली है. उन्होंने कहा ‘‘इस साल चीन की नेशनल पीपल्स कांग्रेस के समापन की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक अत्यंत महत्वपूर्ण फोन कॉल मिला.’’


वांग ने कहा कि इस कॉल ने दोनों देशों के बीच वार्ता प्रक्रिया में सकारात्मक गति दी. उन्होंने कहा ‘‘हमारे दोनों नेताओं ने विचारों का गहन आदान प्रदान किया और चीन भारत संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे.’’


वांग ने कहा ‘‘ एससीओ में भारत की सदस्यता ने संगठन की संभावनाओं और उसके प्रभाव को व्यापक किया है. साथ ही हमें भारत चीन सहयोग के लिए एक नया मंच भी मुहैया कराया है और मेरा मानना है कि भारत संगठन में सकारात्मक तथा उत्साहवर्द्धक योगदान देता रहेगा. ’’


पिछले साल डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों ने तनाव घटाने और संबंधों को सुधारने के लिए विभिन्न स्तरों पर वार्ता सहित अपने प्रयास तेज किए हैं. सुषमा और वांग की मुलाकात से ठीक पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ( सीपीसी ) के शीर्ष अधिकारी यांग जिशी के बीच शंघाई में मुलाकात हुई थी.