Indian PM Modi On CPEC-BRI: चीन अपने कई तरह के परियोजना के तहत कई देशों में अपना दबदबा कायम करना चाह रहा है. इसमें चीन-पाकिस्तान-इकोनॉमिक-कॉरिडोर (CPEC) एक सबसे बड़े उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत ने चीन की बढ़ती अवैध गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए अपने कूटनीतिक कोशिश को तेज कर दिया है.


चीन-पाकिस्तान-इकोनॉमिक-कॉरिडोर (CPEC)  बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक प्रमुख हिस्सा भी है. इसी को मद्देनजर रखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी अमेरिकी दौरे पर राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ चीन के बढ़ते दायरे से निपटने के लिए प्रभावी तरीके पर बातचीत करेंगे.


जी 7 देशों का चीन के विस्तारवादी नीति पर प्लान
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 24 जून को अमेरिका के दौरे पर जाएंगे. द संडे गार्जियन के रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी जो बाइडेन के साथ ठोस मुद्दों पर बात करेंगे. हाल में जापान के हिरोशिमा में संपन्न हुए जी 7 की बैठक में शामिल देशों के प्रमुखों ने चीन के मल्टी मिलियन डॉलर के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का मुकाबला करने के लिए जोर लगाया था.


द संडे गार्जियन ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जी7 का नेतृत्व खुद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन कर रहे हैं, इसलिए भारतीय प्रधानमंत्री बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को लेकर किए गए प्लानिंग के बारे में जानने के लिए इच्छुक होगें.


चीन की भारत के खिलाफ चाल
चीन हमेशा से इस फिराक में रहता है कि वो भारत को किस तरीके से घेर सके. इसके लिए वह बेल्ट एंड रोड प्रॉजेक्ट के तहत दुनियाभर के गरीब देशों को अपनी तरफ से कर्ज देकर जाल में फंसा रहा है. इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान शामिल हैं. इसके अलावा चीन ने श्रीलंका को भी कर्ज देकर उसके पोर्ट पर कब्जा कर लिया है, जिससे वो भारत के कोस्टल एरिया के और भी ज्यादा करीब आ गया है.


हाल ही में चीन ने अपने एक जासूसी जहाज युआन वांग-5 को श्रीलंका के हंबनटोटा पर लाकर खड़ा कर दिया था. इससे वो हिंद महासागर और दक्षिण भारत में होने वाली हर बड़ी गतिविधि पर नजर रख सकता था.


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