(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Nepal Government: नेपाल सरकार खतरे में या नहीं? PM प्रचंड कर रहे विश्वास मत पाने की तैयारी, 10 दलों के समर्थन का दावा
Nepal Govt Floor Test: नेपाल की सरकार अल्पमत में है, लेकिन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल (प्रचंड) की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ पार्टी यह दावा कर रही है कि उनके पास 10 दलों का सपोर्ट है.
Floor Test For PM Prachanda Govt In Nepal: पड़ोसी देश नेपाल की सरकार पिछले 2-3 महीनों में गिरते-गिरते बची है. यहां प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) की अगुवाई वाला सत्तारूढ़ गठबंधन अपने पास पर्याप्त बहुमत का दावा कर रहा है. दरअसल पिछले महीने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (CPN-UML) ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया. इसके बाद सरकार खतरे में पड़ गई थी, लेकिन अब 'प्रचंड' को लगता है कि उनकी सरकार खतरे से बाहर है.
इसलिए आने वाले कुछ ही दिनों में पीएम प्रचंड ने विश्वास मत लेने की प्लानिंग की है. न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, पड़ोसी देश नेपाल में पीएम 20 मार्च को विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट देंगे. एजेंसी ने यह खबर प्रधानमंत्री सचिवालय के सूत्रों के हवाले से दी. यदि ऐसा हुआ तो करीब तीन महीने बाद संसद में दहल का यह दूसरा फ्लोर टेस्ट होगा.
20 मार्च को नेपाल में फिर होगा फ्लोर टेस्ट
पीएम दहल ने हाल ही में सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं के साथ चर्चा की थी. एजेंसी रिपोर्ट के मुताबिक, वह आने वाले सोमवार (20 मार्च ) को विश्वास मत पाने की तैयारी कर रहे हैं. उनकी पार्टी ने अपने पास 10 दलों का समर्थन होने का दावा किया है. बताया जा रहा है कि 10 दलों के एक नए अशांत गठबंधन का नेतृत्व करते हुए उन्होंने सभी गठबंधन वाले दलों के नेताओं से चर्चा के बाद फ्लोर टेस्ट का प्लान किया है.
क्यों अल्पमत में है नेपाल सरकार?
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (CPN-UML) के समर्थन वापस लेने के बाद से दहल सरकार अल्पमत में हैं. इसका पता लगाने के लिए ही दहल सरकार सदन में फ्लोर टेस्ट कराने की तैयारी में हैं. UML के फैसले के कुछ दिन पहले, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RSP) ने भी सरकार छोड़ दी थी, हालांकि उसने अपना समर्थन जारी रखा था.
30 दिन के अंदर लेना होता है विश्वास मत
नेपाल के संविधान के आर्टिकल-100, खंड 2 के मुताबिक, गठबंधित सरकार में कोई दल अपना समर्थन वापस ले लेता है या टूट जाता है, तब ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री को 30 दिन के भीतर फिर से विश्वास मत लेना होता है. यदि पीएम विश्वास मत पाने में विफल होते हैं तो वह अपना पद खो देते हैं. मौजूदा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने इससे पहले 10 जनवरी को फ्लोर टेस्ट दिया था. तब उन्हें 99% वोट मिले थे.
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