Bangladesh: बांग्लादेश के सबसे लंबे ‘पद्मा ब्रिज’ का पीएम शेख हसीना ने किया उद्घाटन, पुल के निर्माण से पीछे हट गया था विश्व बैंक
Inauguration of Padma Bridge: बांग्लादेश ने यह पुल बनाकर उन कुछ वित्तीय विश्लेषकों को गलत साबित कर दिया है जिन्होंने शंका जताई थी कि क्या बांग्लादेश घरेलू संसाधनों के आधार पर फंड जुटा सकता है.
Inauguration of Padma Bridge: बांग्लादेश (Bangladesh) की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने शनिवार को लंबे समय से प्रतीक्षित पद्मा पुल (Padma bridge) का उद्घाटन किया. यह देश का सबसे लंबा पुल (Bridge) है और पूरी तरह से घरेलू धन से निर्मित है. 6.15 किलोमीटर लंबा रोड-रेल फोर-लेन पुल पद्मा नदी (Padma River) पर बना है जो दक्षिण-पश्चिमी बांग्लादेश को राजधानी और अन्य हिस्सों से जोड़ता है.
बहुउद्देशीय सड़क-रेल पुल (Multipurpose Road-Rail Bridge), जो पूरी तरह से बांग्लादेश सरकार (Bangladesh Government) द्वारा वित्त पोषित है, का निर्माण 3.6 बिलियन डॉलर की लागत से किया गया है.
बांग्लादेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है यह पुल
पद्मा पुल का उद्घाटन बांग्लादेश के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि संरचना पूरी तरह से घरेलू वित्तपोषण के साथ बनाई गई है. इस पुल के निर्माण के साथ ही देश ने उन कुछ वित्तीय विश्लेषकों की अटकलों को गलत साबित कर दिया है जिन्होंने शंका जताई थी कि क्या बांग्लादेश घरेलू संसाधनों के आधार पर फंड जुटा सकता है.
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद्मा पुल के निर्माण से जुड़े लोगों का गहरा आभार व्यक्त किया. प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है, लेकिन मैं मानती हूं कि जिन्होंने पद्मा ब्रिज निर्माण योजना का विरोध किया और इसे 'पाइप ड्रीम' कहा, उनमें आत्मविश्वास की कमी थी. मुझे उम्मीद है कि यह पुल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा."
‘यह सिर्फ पुल नहीं है’
शेख हसीना ने कहा, "यह पुल सिर्फ ईंट, सीमेंट, लोहा और कंक्रीट नहीं है... यह पुल हमारा गौरव है, हमारी क्षमता, हमारी ताकत और हमारी गरिमा का प्रतीक है. यह पुल बांग्लादेश के लोगों का है."
पद्मा ब्रिज परियोजना ने कई इंजीनियरिंग चमत्कारों के साथ-साथ तकनीकी चुनौतियों का भी सामना किया. यह बांग्लादेश के लिए आश्चर्यजनक संरचना के रूप में उभरा और इसने अत्याधुनिक मशीनरी और जानकारी के उपयोग को देखा.
विश्व बैंक ने खींच लिए थे परियोजना से हाथ
इस परियोजना को शुरू में विश्व बैंक (World Bank) के नेतृत्व वाले एक संघ द्वारा वित्त पोषित किए जाने की उम्मीद थी. 2012 में, उसने प्रस्तावित क्रेडिट को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि उसके पास बांग्लादेशी अधिकारियों (Bangladeshi Officials) के बीच उच्च-स्तरीय भ्रष्टाचार के "विश्वसनीय सबूत" हैं. बांग्लादेश ने इन आरोपों से हमेशा इनकार किया और वित्त पोषण के लिए अंतरराष्ट्रीय वैश्विक ऋणदाता (International Global Lender) से संपर्क नहीं करना पसंद किया.
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