PoK Latest News: पाकिस्तानी चैनल 'एआरवाई न्यूज' की रिपोर्ट के मुताबिक, पीओके सरकार ने गुरुवार (नौ मई, 2024) को क्षेत्र के सभी स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने की घोषणा की है. सरकार ने बताया कि शनिवार (11 मई, 2024) को पीओकी की राजधानी मुज्जफराबाद में पब्लिक एक्शन कमेटी (पीएसी) की ओर से घोषित किए गए लंबे मार्च के मद्देनजर स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है. 


मौजूदा समय में पीओके के लोग जिन समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें लेकर इस मार्च का आह्वान राजनीतिक और मानवाधिकार संगठनों की ओर से किया गया है. समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के अनुसार, यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) और जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) के संयुक्त बयान में बताया गया कि इस मार्च के दौरान आसमान छूती महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी, गेहूं और आटा पर सब्सिडी को वापस अमल में लाने, पीओके के प्राकृतिक संसाधनों के हनन और अन्य जरूरी मुद्दे उठाए जाएंगे.




PoK के एक्टिविस्ट्स का दावा- लोगों को नहीं मिल रहे भत्ते-पेंशन


पीओके के एक्टिविस्ट अमजद अयूब मिर्जा की ओर से इस बात पर जोर दिया गया कि अभी भी लोगों को भत्ता और पेंशन नहीं मिली है. वह आगे बोले- पाकिस्तान के प्रशासन ने पीओके के कठपुतली पीएम चौधरी अनवरुल हक को आदेश दिया है कि वह पंजाब प्रांत पुलिस और फ्रंटल कॉर्प्स को वहां पर तैनात करने की गुजारिश करें.


चीनी नागिरकों को पीओके में सुरक्षा मुहैया कराएगी फ्रंटियर कंस्टबुलरी


गुरुवार को इससे पहले वहां की फेडरल कैबिनेट ने पीओके में फ्रंटियर कंस्टबुलरी (एफसी) की तैनाती को मंजूरी दी, जो कि चीनी नागरिकों के साथ पावर हाउसों की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे. सूत्रों की मानें तो एफसी की तैनाती शुरुआती तौर पर तीन महीनों के लिए रहेगी, जो कि क्षेत्र में कानून और व्यवस्था को बरकरार रखने में मदद करेगी. चीनी नागरिकों और पावर हाउसों (नीलम-झेलम, मंगला और गुल पुर पावर हाउस भी शामिल हैं) को सुरक्षा देने के लिए एफसी के जवान ही पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे. पीओके में एफसी की छह दस्ते तैनात किए गए हैं.


भारत ने PAK को दिया था कड़ा संदेश, कहा था- पीओके भारत का हिस्सा है


पीओके में यह सारा घटनाक्रम ऐसे वक्त पर देखने को मिल रहा है, जब हाल ही में भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है और भारत में वापस आए. इस पर संसद का प्रस्ताव है और सभी राजनीतिक दल इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं.


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