नई दिल्ली: पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में इन दिनों सियासत गर्म है. एक तरफ पाकिस्तान में जहां पीओके को बाकायदा सूबा बनाए जाने को लेकर घमासान मचा है. वहीं 25 जुलाई को पीओके में होने वाले बहाने इमरान खान सरकार अपने बयानों के सहारे भारत और पीएम मोदी के खिलाफ तीखी बयानबाज़ी भी कर रही है तो साथ ही जम्मू-कश्मीर इलाके में तनाव बढ़ाने की कोशिश में भी जुटी है.
रविवार को पीओके के मीरपुर समेत अन्य इलाकों में हुई चुनाव प्रचार रैलियों के दौरान पाक पीएम इमरान खान ने भारतीय पीएम का नाम खूब उछाला. इतना ही नहीं इमरान खान ने कहा कि सरहद के दूसरी तरफ मौजूद भारत का विरोध कर रहे लोगों को वो सलाम करते हैं. इतना ही नहीं इमरान ने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि भारत से जम्मू-कश्मीर हासिल कर के रहेंगे.
भारत में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले पर खम्बा नोचते नज़र आए इमरान ने मीरपुर की चुनावी रैली में कहा कि कश्मीर में बाहर के लोगों को लाकर भारत डेमोग्राफी बदलने की कोशिश हो रही है जो जेनेवा समझौते के खिलाफ है. उन्होंने भारत के खिलाफ कश्मीर मामले को लेकर हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर आवाज़ उठाने की बात कही.
हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब इमरान खान इस तरह की बात करते नज़र आए हैं. अगस्त 2019 से लेकर अब तक इमरान खान और उनके मंत्री दुनिया के अनेक अंतरराष्ट्रीय आयोजनों और बैठकों में कश्मीर राग अलापते नज़र आए. लेकिन नतीजे में उनके हाथ कोई खास कामयाबी नहीं मिल सकी. न ही बड़ा अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल सका.
वैसे पीओके के चुनाव में भारत के खिलाफ ज़हर उगलने वालों में पीएम इमरान खान और उनकी पार्टी ही नहीं है. बल्कि पीओके में सत्तारूढ़ पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष और पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम नवाज़ भी शामिल हैं. सोमवार को कहूटा में अपने कैम्पेन के आखिरी दिन एलओसी के करीब रैली की. रैली के दौरान पीएमएल-एन के नेता जहां "पाक फौज करेगी दिल्ली तक मौज" जैसे नारे लगाते रहे. वहीं मरियम भी यही कहती रही कि कश्मीर आज़ादी लेकर रहेगा.
इतना ही नहीं सियासी रस्साकशी कथित आज़ाद जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का सूबा बनाए जाने पर भी चल रही है. जहां अंदरखाने सीपीईसी में अपने निवेश और सुरक्षा चिंताओं से परेशान चीन दबाव बना रहा है कि इमरान सरकार एजेके को पाकिस्तान का सूबा बनाए. पाकिस्तान की पीटीआई सरकार जहाँ कश्मीर चुनाव तक इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है. वहीं पीएमएल-एन समेत विपक्षी दल इमरान सरकार पर कश्मीर मुद्दे को लेकर के नाकामी का आरोप लगा रहे हैं.
पीओके में हो रहा चुनाव सियासी तौर पर खासा अहम है. तारीखी लिहाज से देखें तो पीओके में सूबाई सरकार अक्सर उसी पार्टी की होती है जिसकी सरकार इस्लामाबाद में बैठती है. लेकिन अबकी बार विपक्ष के तीखे हमले इमरान खान और उनकी पीटीआई के लिए चुनौती मुश्किल बना रहे हैं.