India Warns China and Pakistan: भारत (India) ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा प्रोजेक्ट (CPEC) में दोनों देशों द्वारा तीसरे पक्ष (Third Nations) को शामिल करने के निमंत्रण को लेकर कड़ा एतराज जताया है और सख्त चेतावनी दी है. भारत के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता (Foreign Ministry Spokesperson) अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा वाली परियोजना (China-Pakistan Economic Corridor Project) अवैध रूप से कब्जाई गई भारत की जमीन (PoK) पर बन रही है, जिसे मंजूर नहीं किया जा सकता है. 


बागची ने कहा कि सीपीईसी परियोजना अवैध है. उन्होंने कहा, ''हमने सीपीईसी परियोजना में तीसरे पक्ष की प्रस्तावित हिस्सेदारी को लेकर बढ़ावा देने वाली रिपोर्ट देखी हैं. इस तरह की कोई भी कार्रवाई किसी भी पक्ष द्वारा प्रत्यक्ष तौर पर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन मानी जाएगी.''



अरिंदम बागची ने आगे कहा, ''भारत दृढ़तापूर्वक और लगातार तथाकथित सीपीईसी परियोजना का विरोध कर रहा है जो कि भारत के इलाके में हैं, जिसे पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाया गया है. ऐसी गतिविधियां स्वाभाविक रूप से अवैध, नाजायज और अस्वीकार्य हैं और भारत द्वारा उनके अनुसार व्यवहार किया जाएगा."


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क्या है चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा


बता दें कि शुक्रवार को पाकिस्तान और चीन ने सीपीईसी को लेकर संयुक्त कार्य समूह बैठक बुलाई थी. इसमें पाकिस्तान और चीन ने सीपीईसी प्रोजेक्ट में में शामिल होने के लिए इच्छुक तीसरे देशों का स्वागत करने का निर्णय लिया था. सीपीईसी परियोजना को 2013 में शुरू किया गया था. पाकिस्तान की सड़क, रेल और एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के नाम पर इस परियोजना को शुरू किया गया था जो चीन के झिनझियांग प्रांत को पाकिस्तान ग्वादर बंदगाह से जोड़ती है. यह परियोजना पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरती है, इसलिए भारत ने इसे कभी मंजूर नहीं किया.


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