Poland: रूस-यूक्रेन की जंग में मंगलवार रात को ऐसा मोड़ आ गया है, जिससे ये लड़ाई अब विश्व युद्ध में बदल सकती है. दरअसल मंगलवार (15 नवंबर) की रात को रूस ने यूक्रेन के कई शहरों को टारगेट करते हुए मिसाइलें दागीं. इस बीच पोलैंड का दावा है कि यूक्रेन बॉर्डर के नजदीक उसके इलाके में एक रूसी मिसाइल गिरी है. इसमें 2 लोगों के मारे जाने की बात भी कही जा रही है. इस घटना से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है. पोलैंड NATO का सदस्य है, इसीलिए अमेरिका ने आनन-फानन में जी-7 देशों और नाटो की एक आपातकालीन बैठक बुलाई है.
पोलैंड करेगा NATO के अनुच्छेद-4 इस्तेमाल
खबर तो ये भी आ रही है कि रूस को घेरने के लिए पोलैंड अब NATO के अनुच्छेद-4 का इस्तेमाल करने का विचार कर रहा है. दरअसल 'द नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन' यानी NATO एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसका गठन 1949 में किया गया था. इसे दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बनाया गया था. इसका उद्देश्य सदस्य देशों को स्वतंत्रता और सुरक्षा की गारंटी देना है.
अनुच्छेद-4 में क्या है?
NATO के संधि प्रावधानों के अनुच्छेद-4 का उपयोग करके पोलैंड आपातकालीन बैठक बुलाना चाहता है. अनुच्छेद-4 के अनुसार जब भी किसी सदस्य देश की क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता या किसी भी पक्ष की सुरक्षा को कोई खतरा होगा, तब सभी सदस्य देश आपस में एक बैठक करेंगे और उसमें उन हालातों से साथी देश को बाहर निकालने का रोडमैप तैयार करेंगे. वहीं अनुच्छेद-5 में कहा गया है कि किसी सदस्य देश पर आक्रमण की स्थिति में इसे सभी सदस्य देशों पर हमला माना जाएगा और सभी सदस्य देश एकजुट होकर विरोधी के प्रति सैन्य कार्रवाई को अंजाम देंगे.
सदस्य देश पर हमला मतलब...
नाटो की अपनी कोई सेना नहीं होती, बल्कि सभी सदस्य देश ही आपसी समन्वय के तहत एक दूसरे की रक्षा का संकल्प लिए हुए हैं. यदि नाटो के किसी सदस्य देश पर कोई देश हमला करता है, तो उसे नाटो में शामिल सभी देशों पर हमला माना जाता है. विरोधी के खिलाफ नाटो में शामिल सभी सदस्य देश सैन्य अभियान छेड़ सकते हैं. हालांकि इसमें भी सिविल वॉर शामिल नहीं है, मतलब किसी सदस्य देश में यदि गृहयुद्ध छिड़ जाए तो वो उसका अपना व्यक्तिगत मामला होगा. इसके अलावा जो देश नाटो के सदस्य नहीं है उनकी सुरक्षा के प्रति नाटो की कोई जिम्मेदारी नहीं है.
बाइडन बोले- रूस से नहीं हुआ अटैक
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अब इस घटना की जांच कराने की बात कही है. बाइडन ने कहा कि वे इस घटना की जांच में मदद करेंगे, जिससे ये खुलासा हो सके कि आखिरकार हुआ क्या था. उन्होंने आगे कहा कि शुरुआत जानकारी के मुताबिक यह पता चलता है कि यह रूस की तरफ से मिसाइल नहीं दागी गई. रूस ने भी इस घटना से साफ इनकार किया है. मॉस्को का कहना है कि पोलैंड की मीडिया जानबूझकर लोगों को भड़काने का काम कर रही है.
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