Russia Ukraine War: पोलैंड के विदेश मंत्री ज्बिग्निऊ राउ ने विश्वास जताया है कि यूक्रेन के मुद्दे पर भविष्य में भारत का रुख यूरोपीय देशों के समान ही होगा. उन्होंने कहा कि घरेलू राजनीति समेत अनेक कारणों से कुछ समय के लिए अलग-अलग प्रतिक्रियाएं जरूर हो सकती हैं. रायसीना डायलॉग के एक सत्र में भाग लेते हुए राउ ने इस बात पर जोर दिया कि यूरोपीय देशों के लिए भारत दुनिया में ‘सबसे बड़ा लोकतांत्रिक साझेदार’ है जिसका अर्थ हुआ ‘‘हम समान मूल्य और सिद्धांत साझा करते हैं और हम समान राजनीतिक फैसलों और समाधानों के लिए खड़े हैं.’’
राउ ने किया पंचशील सिद्धांत का जिक्र
राउ से जब पूछा गया कि यूक्रेन के संदर्भ में उनके पास भारत के प्रधानमंत्री के लिए क्या संदेश है तो उन्होंने भारत और चीन के बीच समझौते के तहत शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का उल्लेख किया जिन्हें पंचशील भी कहा जाता है. उन्होंने दावा किया कि ये सिद्धांत रूस के हमलों के पीड़ितों के समर्थन की ओर इशारा कर रहे हैं.
‘मुझे विश्वास है कि हम एकमत रहेंगे’
पोलिश मंत्री ने कहा, ‘‘हम घरेलू राजनीति समेत अनेक कारणों से एक निश्चित समयावधि के लिए अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया दे सकते हैं, लेकिन मूल्यों और हमारे भविष्य के सहयोग के लिहाज से मुझे विश्वास है कि हम एकमत रहेंगे.’’ लक्जमबर्ग और लिथुआनिया के विदेश मंत्रियों- जीन एसेलबोर्न और गैबरीलियस लैंड्सबर्गिस ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति पर जोर दिया.
राउ ने की जयशंकर से मुलाकात
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को पोलैंड के अपने समकक्ष जबिग्न्यू राउ के साथ बातचीत की. उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और यूक्रेन पर अपने आकलन व विचार साझा किए. जयशंकर ने ‘ऑपरेशन गंगा’ के दौरान भारतीय छात्रों को निकालने में मदद करने के लिए भी उन्हें धन्यवाद दिया.
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘पोलैंड के विदेश मंत्री जबिग्न्यू राउ के साथ एक सार्थक बातचीत. ‘ऑपरेशन गंगा’ के दौरान हमारे छात्रों को निकालने में मदद करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. हमारी साझेदारी को बढ़ाने की प्रतिबद्धता दिखाई दे रही है. सीधी उड़ानें दोबारा शुरू होने से सभी क्षेत्रों में आदान-प्रदान में वृद्धि होगी. हिंद-प्रशांत क्षेत्र और यूक्रेन पर आकलन व विचार साझा किए.’’
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