अटलांटाः अमेरिका के मिनीपोलिस में एक श्वेत पुलिसकर्मी के हाथों एक अश्वेत अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हो गई थी, जिसके बाद से पूरे अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. ऐसे में एमरी विश्वविद्यालय में संक्रामक रोगों के एक विशेषज्ञ ने कहा है कि उन्हें इस बात की चिंता है कि प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़ रही पुलिस कोरोना वायरस संक्रमण फैला सकती है.


डॉ. जय वार्के ने शुक्रवार को कहा कि सामूहिक गिरफ्तारियां और गिरफ्तार लोगों को छोटे स्थानों पर रखने से कोरोना वायरस से दूसरों के संक्रमित होने का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि आंसू गैस, मिर्ची बम तथा अन्य रासायनिक पदार्थों के संपर्क में आने पर लोग आंखे मलते हैं, ऐसे में प्रदर्शनकारियों के संक्रमित होने का खतरा है.


वार्के ने कहा 'जब मैं आंसू गैस जैसी चीजों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता देखता हूं जिनके कारण व्यक्ति को तुरंत आंखें मलनी पड़ती है तो मुझे वैश्विक महामारी के दौर में संक्रमण के फैलने का बड़ा जोखिम नजर आता है. पता नहीं कानून प्रवर्तन एजेंसियां इनके अलावा किसी और चीजों के इस्तेमाल के बारे में विचार कर रही हैं या नहीं. उन्हें इनके विकल्पों के बारे में निश्चित ही कुछ सोचना चाहिए.'


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