नेपाल में कोरोना नहीं, इस वजह से करना पड़ रहा है स्कूल को बंद, जानिए क्या है बड़ी वजह
नेपाल में पहली बार पॉल्यूशन के कारण काठमांडू के स्कूलों को बंद करना पड़ रहा है. ये मामला बेहद हैरान करने वाला है क्योंकि देश में पहली बार इस तरह की स्थिति के कारण सरकार ने ऐसा फैसला किया है.
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दुनिया भर में कोरोना की दूसरी लहर जारी है. भारत में रोजाना 50 हजार औसतन केसे सामने आ रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर की वजह से अब तक देश के कई स्कूल कॉलेज नहीं खुले हैं. ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम को एक्सटेंड किया जा रहा है. लेकिन नेपाल में दूसरी वजह से स्कूलों को बंद किया जा रहा है. नेपाल सरकार ने आदेश दिया है कि काठमांडू के सभी स्कूलों को शुक्रवार तक बंद रखा जाए. यह बंदी कोरोना की वजह से नहीं बल्कि पॉल्यूशन की वजह से हो रही है. राजधानी काठमांडू के आकाश को सोमवार को पूरी तरह से पॉल्यूटेट स्मॉग ने घेर लिया. इससे लगता है कि काठमांडू पूरी तरह से मैली चादर से ढका है. पहली बार ऐसा है कि घने कोहरे की वजह से काठमांडू में स्कूलों को बंद किया जा रहा है. काठमांडू दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है. पिछले सप्ताह काठमांडू में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से ऊपर पहुंच गया जो खतरनाक स्तर को दर्शाता है.
घरों से बाहर न निकलने की सलाह
सरकार ने इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए फैसला किया है कि काठमांडू के सभी शैक्षणिक संस्थानों को शुक्रवार तक के लिए बंद कर दिया जाए. नेपाल मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के प्रवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि जहां तक हमें पता है कि काठमांडू में पहली बार प्रदूषण के कारण शैक्षणिक संस्थानों को बंद किया जा रहा है. सरकार ने लोगों से अपील की है वे अपने-अपने घरों से बाहर न निकले. सरकार ने यह भी अपील की है कि लोग फिलहाल कंस्ट्रक्शन का काम रोक दें जिससे डस्ट पॉल्यूशन पर लगाम लगाई जा सके. इसके साथ ही आग लगाने को भी मना किया है. एक्सपर्ट का कहना है कि नेपाल के कई जंगलों में आग लगने के कारण धुएं की पतली चादर आकाश में बिछ गई है. यह चादर नेपाल के कई जिलों में फैलती जा रही है.
नेपाल में प्रदूषण की भयावह स्थिति
नेपाल में पिछले कुछ सालों में एयर पॉल्यूशन की स्थिति बेहद खराब हुई है. एक आंकड़े के अनुसार नेपाल में वायु प्रदूषण के चलते साल 2019 में 22 फीसदी नवजात बच्चों की जन्म के एक महीने के भीतर मौत हुई थी. इसके अलावा जंगल में आग लगने की वजह से काठमांडू घाटी में हवा की शुद्धता में खासी गिरावट देखने को मिली है. जानकारी के अनुसार हालिया वर्षों में इस बार यहां स्थिति सबसे ज्यादा खराब है.
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