Qatar Mosque Plan: मुस्लिम देश कतर तेल और गैस से भारी कमाई करता है. ये देश इस्लामिक खिलाफत को स्थापित करने की परियोजना में बड़े स्तर पर निवेश कर रहा है. पुर्तगाल के पूर्व राजदूत और राजनेता एंटोनियो कोरेआ ने यह दावा किया है. उनके अनुसार, कतर गैस निर्यात से मिलने वाले अरबों डॉलर का इस्तेमाल अपने राजनीतिक और धार्मिक एजेंडे को बढ़ाने के लिए कर रहा है.
एंटोनियो कोरेआ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आयोजनों, जैसे कि फुटबॉल वर्ल्ड कप, को कतर में आयोजित नहीं किया जाना चाहिए. ऐसे आयोजन कतर को वैश्विक मंच प्रदान करते हैं, जहां से वह अपनी विचारधारा को फैलाने की कोशिश करता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कतर ने स्पेन के बर्सिलोना में बुल फाइट रिंग को खरीदने का प्रयास किया था. कतर की योजना थी कि इस स्थान को यूरोप की सबसे बड़ी मस्जिद में परिवर्तित किया जाए. अगर यह योजना सफल होती तो यह मस्जिद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद होती.
खिलाफत को दोबारा स्थापित करने की कोशिश
पुर्तगाली राजनेता ने दावा किया कि कतर खिलाफत को फिर से स्थापित करने का सपना देखता है. उन्होंने अपनी बात का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने कतर में राजदूत के रूप में कार्य किया है और वहां के हालात को नजदीक से देखा है. उन्होंने बताया कि कतर में काम करने वाले मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. उनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए जाते हैं. मजदूरों को अत्यधिक खराब स्थितियों में रहने पर मजबूर किया जाता है, जिससे वे आधुनिक गुलामी का शिकार हो जाते हैं.
बुलरिंग खरीदने का विवाद
2014 में आई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कतर ने स्पेन के बर्सिलोना में स्थित बुलफाइट रिंग "ला मोनुमेंटर" को खरीदने के लिए 2.2 अरब डॉलर (लगभग 187.24 अरब रुपये) की पेशकश की थी. उनका मुख्य लक्ष्य यूरोप की सबसे बड़ी मस्जिद में बदलना था. यह मस्जिद न केवल यूरोप, बल्कि विश्व स्तर पर धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव का प्रतीक बन सकती थी.