UNHRC की बैठक से पहले पाकिस्तान बेनकाब, बलूचिस्तान के लोगों ने अत्याचारों के विरोध में जेनेवा में लगाए पोस्टर्स
बलूचिस्तान के लोगों ने इसके पहले भी लंदन में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किए गए थे, जहां ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर के घर के सामने बलूचिस्तान की आजादी और वहां पाकिस्तानी सेना के द्वारा किए गए अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन किए गए थे.
![UNHRC की बैठक से पहले पाकिस्तान बेनकाब, बलूचिस्तान के लोगों ने अत्याचारों के विरोध में जेनेवा में लगाए पोस्टर्स Posters and banners highlighting human rights violations in Balochistan UNHRC की बैठक से पहले पाकिस्तान बेनकाब, बलूचिस्तान के लोगों ने अत्याचारों के विरोध में जेनेवा में लगाए पोस्टर्स](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/09/10073721/baluchistan.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: कश्मीरियों और उनके अधिकारों का हनन करने को लेकर भारत पर झूठा आरोप लगाने वाला पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया है. जिनेवा में यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट्स काउंसिल की बैठक जारी है और पाकिस्तान जहां एक तरफ कश्मीर पर झूठी राग अलापने की फिराक में है तो वहीं जेनेवा के बाहर लगे पोस्टर पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान के लोगों को किस तरह प्रताड़ित किया जा रहा है इसकी कहानी बयां करती है.
दरअसल जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के बाहर बलूचिस्तान के लोगों द्वारा पोस्टर लगाए गए हैं. इन पोस्टर पर 'सेव बलूचिस्तान' लिखा हुआ है. पोस्टर और बैनर न केवल पाकिस्तान को शर्मसार करने वाला है बल्कि यह भी बयां कर रहा है कि किस तरह बलूच लोगों को पाकिस्तान प्रताड़ित कर रहा है.
बलूच मानवाधिकार परिषद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के अत्याचारों को रोकने के लिए अभियान चला रही है. पोस्टरों और बैनरों के बगल में एक विशाल टेंट लगाया गया है और एक विशेष स्क्रीनिंग भी होने वाली है. यह स्क्रीनिंग UNHRC सत्र (सोमवार (9 सितंबर) से 27 सितंबर तक) के दौरान होगी.
Switzerland: Posters and banners highlighting human rights violations in Balochistan and Khyber Pakhtunkhwa installed in front of the United Nations in Geneva where 42nd session of UN Human Rights Council is underway. pic.twitter.com/lMrARZfJsT
— ANI (@ANI) September 9, 2019
इसके पहले भी लंदन में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किए गए थें जहां ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर के घर के सामने बलूचिस्तान की आजादी और वहां पाकिस्तानी सेना के द्वारा किए गए अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन किए गए थे. ब्रिटेन में भी पाकिस्तान के खिलाफ बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे अत्याचारों और वहां के नेताओं के साथ वहां के बाशिंदों को पाकिस्तानी सेना के द्वारा बंदी बनाए जाने के विरोध में था.
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