पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) चेयरपर्सन बिलावल भुट्टो जरदारी ने पाकिस्तानी सेना से कहा कि वह राजनीति में हस्तक्षेप ना करें. उन्होंने आगामी सीनेट चुनाव से सेना को दूर रहने को कहा क्योंकि उन्होंने कहा कि अगर ऊपरी सदन का चुनाव विवादित हुआ तो उसका पूरे देश पर इसका असर होगा.


वहां के अखबार डॉन के मुताबिक, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवालों का जवाब देते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा कि पीपीपी चाहती है कि सेना ना सिर्फ सीनेट के चुनावों में हिस्सा ले बल्कि इसकी कोई रानजीतिक भूमिका नहीं होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सेना का कोई राजनीतिक ऑफिस है तो उसे बंद कर देना चाहिए.


बिलावल भुट्टो ने कहा कि राजनीति में सेना की भूमिका हमारे इतिहास का हिस्सा और हकीकत है और हमें लगातार इसके खिलाफ लड़ाई लड़नी है जब तक की हम सफल नहीं हो जाते.


डॉन के मुताबिक, बिलावल ने दावा किया कि सरकार सीनेट चुनाव को भी ठीक उसी तरह से विवादित बनाना चाहती है जैसे उसने नेशनल एसेंबली को विवादित बनाया.


उन्होंने कहा- वे पारदर्शिता और अविवादित चुनाव नहीं चाहते हैं. अगर वे वाकई चाहते तो इसके लिए काफी समय था. वे तीन साल से सत्ता में रहे हैं. व्यापक चुनाव सुधार के लिए काफी समय था.


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