अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान कमांडर ने किया कब्जे का दावा, अशरफ गनी ने देश छोड़ा, काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग
Afghanistan Taliban War: अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह तालिबान के साथ नहीं रह सकते हैं. उन्होंने कहा- मैं तालिबान के आगे कभी नहीं झुकेंगे. मैं लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा.
Afghanistan Taliban War: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर रविवार की रात तालिबान ने कब्जा कर लिया है. इधर, राष्ट्रपति के अशरफ गनी तजाकिस्तान भाग गए हैं. वहां के टोलो न्यूज़ ने उनके भागने के बारे में यह खबर दी है. उसने बताया है कि अशरफ गनी अपनी कोर टीम के सदस्यों के साथ तजाकिस्तान भाग गए हैं. इस बीच उनके सलाहकार ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है. उनका दावा किया है कि अशरफ गनी देश छोड़कर नहीं गए हैं. इधर, अलजजीरा के हवाले से काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग की भी खबर आ रही है.
दूसरी तरफ अमेरिका ने अपना दूतावास काबुल एयरपोर्ट पर शिफ्ट कर दिया है. दूतावास का झंडा उतारकर काबुल एयरपोर्ट लाया गया है. अफगानिस्तान में अमेरिका के कार्यवाहक राजदूत को अमेरिकी सेना दूतावास से निकालकर काबुल हवाई अड्डे ले गई. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटी ब्लिंकन ने तालिबान के कब्जे को लेकर अफगानिस्तान की सेना को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि अपने देश की रक्षा करने में अफगानिस्तान की सेना विफल रही.
अफगानिस्तान के HCNR प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने सुरक्षाबलों से कहा कि वह शांति व्यवस्था को सुनिश्चित करने में सहयोग करें. उन्होंने तालिबान से कहा कि वह काबुल में घुसने से पहले बातचीत के लिए कुछ और समय दे. उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने अशरफ गनी को पूर्व राष्ट्रपति करार दिया और कहा कि वह छोड़कर जा चुके हैं.
Abdullah Abdullah (in file photo), head of the HCNR, asks Afghan forces to cooperate in ensuring security. He asks Taliban to allow some time for talks before entering the city of Kabul. He calls Ashraf Ghani 'former president' & says Ghani has left the country: TOLOnews pic.twitter.com/lR61vTx1li
— ANI (@ANI) August 15, 2021
दूसरी तरफ अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अशरफ गनी ने हमारे हाथ बांधकर हमें बेच दिया. गौरतलब है कि अफगानिस्तान के अधिकतर इलाकों पर अब कट्टपंथी संगठन तालिबान का कब्जा हो चुका है. वह काबुल के बाहरी इलाकों में भी रविवार को घुस आए. इस बीच एक तरफ जहां तालिबान को सत्ता हस्तांतरण पर चर्चा चल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ उसे चेतावनी भी दी जा रही है.
टोलो न्यूज़ के मुताबिक, अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि तालिबान की तरफ से इस बयान के देने के बाद कि वह काबुल में नहीं घुस रहे हैं, इसके बाद काबुल के कई जिलों में स्पेशल पुलिस यूनिट्स की तैनाती की गई है ताकि 'अवसरवादियों' से रक्षा की जा सके. इसके साथ ही पुलिस को फायरिंग के आदेश दिए गए हैं.
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति ने कहा- तालिबान के साथ नहीं रह सकते
इधर, अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि वह तालिबान के साथ नहीं रह सकते हैं. उन्होंने कहा- मैं तालिबान के आगे कभी नहीं झुकेंगे. मैं लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा. लाखों लोगों ने मुझ पर भरोसा किया है. दूसरी तरफ, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपतित हामिद करजई ने लोगों से अपील की है कि वह अपने घरों में ही रहें. उन्होंने कहा कि बातचीत से हल निकालने की कोशिश की जा रही है.
इससे पहले राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में प्रवेश से पूर्व रविवार सुबह चरमपंथी संगठन ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया था. इसके कुछ घंटे बाद रविवार को अमेरिका के बोइंग सीएच-47 हेलीकॉप्टर यहां अमेरिकी दूतावास पर उतरे. काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था. यह पाकिस्तान से लगती एक प्रमुख सीमा के निकट स्थित है. अब अफगानिस्तान की केंद्रीय सरकार के अधिकार में देश की 34 प्रांतीय राजधानियों में से काबुल के अलावा छह अन्य प्रांतीय राजधानी ही बची हैं.
तालिबान ने काबुल में घुसने से पहले जलालाबाद पर किया कब्जा
अमेरिकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे और इनके साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गई. हालांकि अमेरिका सरकार ने अभी इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है. दूतावास की छत के निकट धुआं उठता देखा गया जिसकी वजह अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों के मुताबिक राजनयिकों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाना है.
अमेरिकी दूतावास के निकट सिकोरस्की यूएस-60 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर भी उतरे. इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल आमतौर पर सशस्त्र सैनिकों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है. चेक गणराज्य ने भी अपने दूतावास से अफगान कर्मियों को निकालने की योजना को मंजूरी दे दी है. इससे पहले उसने अपने राजनयिकों को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचा दिया.
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