नई दिल्ली: अमेरिका में एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद कई शहरों में हिंसा भड़क गई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी सरकार ने फांसीवाद विरोधी समूह एंटीफा को आतंकवादी संगठन करार देने का फैसला किया. ट्रंप ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी. यूएस में फांसीवाद का विरोध करने वाले लोगों को एंटीफा कहा जाता है.
दरअसल, अमेरिका में फासीवाद का विरोध करने वाले लोगों को Antifa (anti-fascists) कहा जाता है. अमेरिका में एंटीफा का आंदोलन उग्रवादी, वामपंथी और फासी-वाद विरोधी आंदोलन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. एंटीफा में शामिल लोग लोग नव-नाजी, नव-फांसीवाद, रंगभेद के खिलाफ होते हैं. एंटीफा के लोग सरकार के खिलाफ खड़े रहते हैं. हालांकि ये लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए जाने जाते हैं. अब ट्रंप ने एंटीफा को आतंकी संगठन की लिस्ट में शामिल करने का फैसला किया है.
अमेरिका के मिनेपॉलिस में एक अश्वेत व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने जब इस अश्वेत व्यक्ति को पकड़ा था तब उसका वीडियो वायरल हो गया और उसकी मौत के बाद मिनेपॉलिस हिंसा भड़क गई जो कि अमेरिका के कई राज्यों में फैल गई.
वाशिंगटन में बड़ी संख्या में लोग व्हाइट हाउस के बाहर एकत्रित होकर नारेबाजी करने लगे. प्रदर्शनकारियों ने प्लास्टिक की बोतलों में पानी भरकर पुलिसकर्मियों पर फेंकी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. वहीं प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के नजदीक शेवरलेट की गाड़ियों में आग लगा दी. यह गाड़ियां पुलिस और विशेष सेवा के अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं. पुलिस ने बताया कि अभी तक पूरे अमेरिका 1400 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है.
क्या है पूरा मामला?
मिनेपॉलिस में 26 मई को जॉर्ज फ्लॉयड नाम के शख्स को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था. एक पुलिस अफसर ने सड़क पर अपने घुटने से फ्लॉयड की गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा. धीरे-धीरे फ्लॉयड की हरकत बंद हो जाती है. इस घटना वीडियो वायरल हो गया. वीडियो में 40 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा. इस दौरान आस-पास काफी भीड़ जमा होती है. उसे अस्पताल ले जाया जाता है, जहां उसकी मौत हो जाती है.
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