(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
President Droupadi Murmu: ऐसा क्या हुआ कि चीन समेत 7 देशों के राजदूतों को राष्ट्रपति मुर्मू को लिखना पड़ा लेटर, जानें मामला?
President Droupadi Murmu : समारोह में इक्वाडोर, यूनाइटेड किंगडम, कुवैत, न्यूजीलैंड, गिनी, फिजी और चीन के राजदूतों व उच्चायुक्तों ने राष्ट्रपति को अपने परिचय पत्र दिए.
President Droupadi Murmu : चीन समेत 7 बड़े देशों के राजदूतों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और अपने परिचय पत्र सौंपे. समारोह में इक्वाडोर, यूनाइटेड किंगडम, कुवैत, न्यूजीलैंड, गिनी, फिजी और चीन के राजदूतों व उच्चायुक्तों ने राष्ट्रपति को अपने परिचय पत्र दिए. राष्ट्रपति भवन के अनुसार, इक्वाडोर के राजदूत फर्नांडो जेवियर बुचेली वर्गास, यूनाइटेड किंगडम की उच्चायुक्त लिंडी एलिजाबेथ कैमरून, कुवैत के राजदूत मेशल मुस्तफा जे अलशेमाली, न्यूजीलैंड के उच्चायुक्त पैट्रिक जॉन राटा, गिनी के राजदूत अलासेन कोंटे, फिजी के उच्चायुक्त जगन्नाथ सामी और चीन के राजदूत जू फेइहोंग इनमें शामिल थे.
President Droupadi Murmu received credentials from Mr Fernando Xavier Bucheli Vargas, Ambassador of the Republic of Ecuador; Mrs Lindy Elizabeth Cameron, High Commissioner of the United Kingdom; Mr Meshal Mustafa J Alshemali, Ambassador of the State of Kuwait; and Mr Patrick John… pic.twitter.com/BQTRnanJRz
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 31, 2024
18 महीने से खाली पड़ा था चीन के राजदूत का पद
वहीं, भारत और चीन में सीमा विवाद को लेकर काफी झड़प रहती है. यहां चीनी राजदूत का पद 18 महीने से खाली पड़ा था. चीनी राजदूत जू फेइहोंग को 18 महीने से खाली पड़े पद को भरने के लिए नई दिल्ली भेजा गया था. शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उन्होंने अपना परिचय पत्र सौंपा.नए ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी एलिजाबेथ कैमरून और 5 अन्य देशों के राजदूतों ने भी राष्ट्रपति भवन में अपने परिचय पत्र प्रस्तुत किए.
भारत चीन के गतिरोध को करेंगे कम
जू ने ऐसे समय में यह पद संभाला है, जब एलएसी पर गतिरोध बढ़ता जा रहा है. भारत पहुंचने पर जू ने कहा कि वह दोनों पक्षों के बीच दोस्ती को गहरा करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बहाल करने के लिए काम करेंगे. उन्होंने चीन की स्थिति को भी दोहराया कि सीमा मुद्दे को उचित स्थान पर उठाया जाना चाहिए. कैमरून की प्राथमिकताओं में भारत-ब्रिटेन के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने के प्रयासों को शामिल किया गया. हालांकि व्यापार सौदे के लिए बातचीत 2022 में शुरू हुई और 14वें दौर में प्रवेश कर चुकी है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच ब्रिटिश व्हिस्की और ऑटोमोबाइल पर टैरिफ कुछ विवादास्पद मुद्दों को सुलझाना बाकी है.