चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश की सेना को आदेश दिया है कि वह पूर्णकालिक युद्ध के लिए तैयार रहने के साथ ही सेकेंड में एक्शन को मुश्तैद रहें. उन्होंने अपने सुरक्षाबलों से कहा कि हर वक्त तैयार रहने के लिए अपनी ट्रेनिंग को बढ़ाएं. शी जिनपिंग ने कहा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी किसी भी सेकेंड में एक्शन को तैयार रहें. इसके साथ ही, हमेशा मुकाबले के लिए तैयार रहना चाहिए.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, साल 2021 के सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के पहले आदेश पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दस्तखत किया. इसके साथ ही, उन्होंने पूर्णकालिक युद्ध की स्थिति में युद्ध के प्रशिक्षण की मजबूती और जीतने की क्षमता पर जोर दिया.
यहां आधिकारिक मीडिया ने मंगलवार को खबर दी कि केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के साथ साथ सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के प्रमुख शी (67) ने 2021 के लिए आयोग के पहले आदेश पर दस्तखत किये जिसमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के प्रशिक्षण में प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध किया गया है. सीएमसी 20 लाख सैन्यकर्मियों की सेना का हाईकमान है.
इस नये आदेश में सशस्त्र बलों को नये युग में चीनी विशिष्टताओं के साथ शी जिनपिंग की समाजवाद की सोच को अपने मार्गदर्शन सिद्धांत के तौर पर लेने तथा सेना एवं सैन्य रणनीतियों की मजबूती के संदर्भ में शी के विचारों पर चलने का निर्देश दिया गया है. सरकारी अखबार चाईना डेली की खबर के अनुसार उसमें कहा गया है कि सीसीपी सेना के प्रशिक्षण पर अपना मार्गदर्शन बढ़ाएगी तथा सेना से अपना युद्ध कौशल निखारने एवं अपने प्रशिक्षण तंत्र में सुधार जारी रखने पर ध्यान देने की भी अपील की गयी है.
गौरतलब है कि पिछले साल जून 2020 में चीन और भारत के बाच गलवान घाटी में भारी हिंसक झड़प हुई थी. वहां पर भारी संख्या में चीनी सैनिक पहले से अज्ञात जगहों पर इकट्ठा थे. इस हिंसा में करीब 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे जबकि भारी संख्या में चीनी जवानों को क्षति पहुंची थी. हालांकि, चीन ने अपने जवानों की मौत का आंकड़ा नहीं बताया था.
2012 के आखिर में सेंट्रल मिलिट्री कमिशन का चेयरमैन बनने के बाद से ही शी जिनपिंग लगातार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को युद्ध के लिए तैयार होने का आह्वान करते रहे हैं. उन्होंने साल 2015 से ही पीएलए में बड़ा परिवर्तन करते हुए चीनी सेना को आधुनिकीकरण की दिशा में काम शुरू किया था और इसे 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था.
चीनी राष्ट्रपति की तरफ वहां की सेना को यह ऐसे वक्त पर आदेश दिया गया है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के चलते तनाव की स्थिति बनी हुई है. मई के महीने से ही भारत-चीन के बीच तनाव बरकरार है. अब तक कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर वार्ता हो चुकी है. लेकिन, तनाव को कम करने की दिशा में अब तक कोई खास कामयाबी हाथ नहीं लगी है. चीन ने पूर्वी लद्दाख से लगते एलएसी के नजदीक करीब 60 हजार सैनिक के साथ भारी तादाद हथियारों का जमावड़ा किया है. इसके बाद भारत ने भी इतनी ही तादाद में सैनिकों के साथ अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों और हथियरों की तैनाती की है.
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