कोरोना संकट के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच सोमवार की रात करीब 20 मिनट तक टेलीफोन पर बातचीत हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने अपने संबंधित देशों में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की, जिसमें भारत में चल रहे टीकाकरण प्रयासों, कोरोना की दूसरी लहर को क़ाबू करने के लिए चल रहे प्रयास और महत्वपूर्ण दवाओं, चिकित्सीय और स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करना शामिल है.
पीएम मोदी के साथ बात करते हुए राष्ट्रपति बायडेन ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की और कहा कि अमेरिका ने चिकित्सीय, वेंटिलेटर जैसे संसाधनों को शीघ्रता से उपलब्ध कराने और टीके के निर्माण के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले कच्चे माल के स्रोतों की पहचान करके शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी सरकार से सहायता और समर्थन की पेशकश करने के लिए सराहना की. उन्होंने वैक्सीन मैत्री के माध्यम से कोरोना महामारी को विश्व स्तर पर मदद करने की भारत की प्रतिबद्धता और कोवेक्स और क्वाड वैक्सीन पहल में उसकी भागीदारी का उल्लेख किया. प्रधानमंत्री ने कोरोना से संबंधित टीकों, दवाओं और चिकित्सीय उपकरण के निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल और इनपुट की खुली आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया.
दोनों नेताओं ने कोरोना महामारी को संबोधित करने के लिए वैक्सीन विकास और आपूर्ति में भारत-अमेरिका साझेदारी की क्षमता को रेखांकित किया और इस क्षेत्र में अपने प्रयासों में निकट समन्वय और सहयोग बनाए रखने के लिए अपने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकासशील देशों के लिए टीकों और दवाओं की त्वरित और सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ट्रिप्स पर समझौते के मानदंडों में छूट के लिए डब्ल्यूटीओ में भारत की पहल के बारे में राष्ट्रपति बायडेन को जानकारी दी. दोनों नेता नियमित संपर्क में बने रहने के लिए सहमत हुए.
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