India China Conflict : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार अपना कार्यभार संभाल चुके हैं. इस बार चीन को भी सबक सिखाने की तैयारी चल रही है. खबर है कि भारत अब चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में 30 से अधिक गांव के नाम बदलने वाला है. भारत का यह कदम अरुणाचल के कुछ इलाकों के नाम बदलने के विरोध में देखा जा रहा है. Tibetan Review न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट की मानें तो किन इलाकों का नाम बदला जाना है, इसकी लिस्ट भी तैयार कर ली गई है. खुफिया ब्यूरो के पूर्व अधिकारी बेनू घोष ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मजबूत छवि के बल पर ये चुनाव जीतने की कोशिश की है. स्वाभाविक है कि वह अपनी उस छवि को बनाए रखने के लिए तिब्बती स्थानों के नाम बदलने की अनुमति देंगे. सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश राज्य और विवादित सीमा के अन्य हिस्सों पर चीनी दावों का मजबूत जवाब देने के लिए यह सूची मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक की जाएगी. 


चीन अरुणाचल को बताता है जंगनान
तिब्बत पर अपने दावे के आधार पर चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश, जिसे वह ज़ंगनान (दक्षिणी तिब्बत) कहता है, पर दावा पेश करने के लिए मार्च 2024 में LAC के साथ 30 स्थानों का नाम बदल दिया था. चीन के नागरिक मंत्रालय ने सूची में 11 आवासीय क्षेत्र, 12 पहाड़, 4 नदियां, एक झील, एक पहाड़ और एक जमीन का टुकड़ा इसमें शामिल किया था. इन चीनी अक्षरों में नाम लिखा गया था. बीजिंग ने 2017 में अरुणाचल प्रदेश के 6 स्थानों के तथाकथित नामों की पहली सूची जारी की, इसके बाद 2021 में 15 स्थानों की दूसरी सूची और 2023 में 11 स्थानों के नामों के साथ तीसरी सूची जारी की. रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी सूची में लगभग उतने ही नए स्थान के नाम हैं, जितने पिछली तीन सूचियों में थे. भारत ने प्रत्येक अवसर पर चीन के कदम को खारिज कर दिया. राज्य को देश का अभिन्न अंग बताया था.


जमीनी साक्ष्य जुटाए गए
नाम बदलने के साथ भारत ने अपना दावा रखने के लिए जमीनी साक्ष्य पेश करने की भी तैयारी कर ली है. हाल के हफ्तों में भारतीय सेना ने इन विवादित सीमा क्षेत्रों में मीडिया के साथ कई दौरे किए हैं. पत्रकारों को ऐसे स्थानीय लोगों से बात कराई गई है, जो चीनी दावों का कड़ा विरोध करते हैं और कहते हैं कि वे हमेशा भारत का हिस्सा थे. भारत का यह कदम अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों के नाम बदलने  की चाल का मुकाबला करने की तैयारी के रूप में माना जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सैन्य स्रोतों ने ऐसे स्थानों के नए नाम की पूरी सूची तैयार कर ली है और दिल्ली में यह सूची जारी की जा सकती है.