यरूशलम: इजराइल में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले, संकटग्रस्त प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सरकार गठन के लिए मध्यरात्रि तक दी गई अंतिम समय-सीमा से चूक गए हैं. जिससे उनके प्रतिद्वंद्वियों को उनके 2009 से चले आ रहे निरंतर शासन को समाप्त करने का अवसर मिल गया है. नेतन्याहू (71) पर भ्रष्टाचार के आरोपों में मुकदमा चल रहा है. राष्ट्रपति रेवेन रिवलिन ने छह अप्रैल को हुए चुनावों के बाद नई सरकार की रूपरेखा सामने रखने का काम उन्हें दिया था. इन चुनावों में कोई निर्णायक परिणाम नहीं निकला था. पिछले दो वर्षों में यह चौथी बार हुआ जब चुनाव का कोई स्पष्ट परिणाम नहीं निकला.
रिवलिन द्वारा नेतन्याहू को सरकार बनाने का आदेश मंगलवार मध्यरात्रि को समाप्त हो गया. जहां गठबंधन सरकार संबंधी बातचीत में कोई महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष सामने नहीं आया और देश का राजनीतिक गतिरोध और लंबा खिंच गया है. उनकी लिकुड पार्टी 120 सदस्यीय संसद में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी लेकिन सरकार बनाने के लिए उसके पास 61 सदस्यों का समर्थन नहीं था. लिकुड पार्टी ने मार्च में हुए आम चुनावों में 30 सीट जीती थी.
सरकार गठन की जिम्मेदारी नेतन्याहू को सौंपते हुए रिवलिन ने कहा कि वह ऐसा अनिच्छा से कर रहे हैं और अदालती कार्यवाही और लिकुड नेता के लिए पर्याप्त समर्थन के मद्देनजर अपनी “नैतिक दुविधा” का भी जिक्र किया था. नेतन्याहू ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है.
सरकार बनाने में असमर्थ
राष्ट्रपति रिवलिन के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'मध्यरात्रि से ठीक पहले, नेतन्याहू ने राष्ट्रपति आवास को सूचित किया कि वह सरकार बनाने में असमर्थ हैं और इसलिए आदेश राष्ट्रपति को वापस कर दिया है.' रिवलिन ने सरकार गठन की प्रक्रिया को जारी रखने के लिए इजराइली संसद नेसेट में प्रतिनिधित्व रखने वालीं पार्टियों से बुधवार को संपर्क किया.
राष्ट्रपति ने येश अतिद पार्टी के प्रमुख, येर लापिद और यमीना पार्टी के प्रमुख नफताली बेनेट से मुलाकात की. राष्ट्रपति भवन से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, लापिद और बेनेट दोनों ने अगली सरकार बनाने के लिए आदेश उन्हें सौंपे जाने की अपनी इच्छा को दोहराया.
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