Elon Musk On Grooming Gangs: राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने हाल ही में एक बयान में कहा कि ब्रिटेन में ग्रूमिंग गिरोहों के लिए पूरे एशिया को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, बल्कि इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. इस बयान पर स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बात सच है.
ब्रिटेन की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने कई दशकों से उत्तरी अंग्रेजी शहरों में पाकिस्तानी मूल के पुरुषों की ओर से मुख्य रूप से श्वेत ब्रिटिश लड़कियों के यौन शोषण की नई जांच की मांग की है. इस बहस में ब्रिटेन के लेबर प्रधानमंत्री कीर स्टारमर भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान एशियाई ग्रूमिंग गिरोह के खिलाफ मुकदमा चलाने का दावा किया था.
कीर स्टारमर के बयान पर अपत्ति
प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार (6 जनवरी) को ब्रिटेन के लेबर प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के उस बयान पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि अपने कार्यकाल के दौरान एशियाई ग्रूमिंग गिरोह के खिलाफ पहली बार उन्होंने मुकदमा चलाया था. बता दें कि वो 2008 से 2013 के बीच क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) के प्रमुख थे.
एलन मस्क की प्रतिक्रिया
एलन मस्क ने प्रियंका चतुर्वेदी के बयान का समर्थन करते हुए इसे सच बताया. यह पहली बार नहीं है जब मस्क ने इस विवाद में भाग लिया है. उन्होंने बार-बार कीर स्टारमर पर निशाना साधा है और इस मुद्दे पर उनकी प्रतिक्रिया की आलोचना की है.
ब्रिटिश-पाकिस्तानी लड़की की हत्या
अगस्त 2023 में 10 वर्षीय ब्रिटिश-पाकिस्तानी लड़की सारा शरीफ अपने घर में मृत पाई गई थी. उसके शरीर पर कई तरह के जख्म थे, जैसे टूटी हुई हड्डियां, जले हुए निशान और काटने के निशान. जांच में पता चला कि सारा के साथ कई सालों तक दुर्व्यवहार किया गया था. इस मर्डर ने ब्रिटेन में बच्चों की सुरक्षा और कल्याण को लेकर एक गंभीर बहस छेड़ दी थी. सारा के मामले ने देश को झकझोर कर रख दिया, जिसके बाद बच्चों के कल्याण और स्कूल विधेयक को पेश किया गया था. यह विधेयक बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.
दोषियों को सजा
सारा के पिता उरफान शरीफ और सौतेली मां बेनाश बतूल को उसकी हत्या का दोषी ठहराया गया. उन्हें पिछले महीने जेल में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. इस घटना ने ब्रिटेन में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उठाई हैं.
विधेयक का उद्देश्य
बच्चों के कल्याण और स्कूल विधेयक का उद्देश्य कमजोर बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करना है. इसमें स्थानीय अधिकारियों को उन बच्चों का रजिस्टर रखने का प्रावधान है, जो स्कूल नहीं जाते. यह कदम बच्चों की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रयासों का हिस्सा है.
संसदीय प्रक्रिया
सांसदों ने विधेयक को बिना किसी औपचारिक मतदान की आवश्यकता के संसदीय प्रक्रिया के अगले चरण में आगे बढ़ाया इसका उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा में सुधार करना और दुर्व्यवहार के मामलों को रोकना है
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