नई दिल्लीः दुनिया में इन दिनों भारतवंशियों के नाम की धूम है और इनमें भी महिलाओं ने अपना परचम बुलंद किया है. दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका में जहां भारतीय मूल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हुई हैं, वहीं न्यूजीलैंड में प्रियंका राधाकृष्णन ने लेबर पार्टी की जेसिंडा आर्डन सरकार में जगह बनाकर एक नयी मिसाल कायम की है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब न्यूजीलैंड की सरकार में किसी भारतीय ने जगह बनाई हो.


1979 में चेन्नई में जन्मी प्रियंका राधाकृष्णन केरल मूल के माता-पिता की संतान हैं. राजनीति का कौशल उन्हें अपने पुरखों से मिला. उनके परदादा डा. सी आर कृष्णा पिल्लई का नाम केरल में बहुत सम्मान से लिया जाता है. वामपंथ की राजनीति में अपना गहरा दखल रखने वाले डा. पिल्लई ने केरल राज्य की स्थापना में खास भूमिका निभाई थी.


प्रियंका का बचपन सिंगापुर में गुजरा और फिर वह न्यूजीलैंड चली गईं. उन्होंने वेलिंगडन की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी से डेवलेपमेंटल स्टडीज में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की. पढ़ाई के बाद उन्होंने ऑकलैंड में बसे भारतीय समुदाय के लोगों के बीच सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम किया और तकरीबन 27 साल की उम्र में 2006 में न्यूजीलैंड की लेबर पार्टी में शामिल हो गईं.


प्रियंका ने शुरू में पार्टी की आंतरिक विकास नीति प्रक्रिया पर काम किया और पार्टी के स्थानीय और क्षेत्रीय संगठन में सक्रिय रहीं. इस दौरान वह अपने कार्य से पार्टी नेतृत्व की नजरों में अपनी जगह बनाती रहीं. इसी का नतीजा था कि 2014 के चुनाव में उन्हें लेबर पार्टी की क्रमवार सूची में 23वां स्थान मिला. पार्टी के किसी नये सदस्य को इससे पहले कभी इस सूची में इतना ऊंचा स्थान नहीं मिला था.


हालांकि लेबर पार्टी के वोट में कमी आने के कारण प्रियंका उस वर्ष चुनाव नहीं लड़ सकीं. प्रियंका के पार्टी की सूची में आगे बढ़ते रहने का सिलसिला लगातार चलता रहा और वह 2017 में इस सूची में 12वां स्थान हासिल करने में कामयाब रहीं. तीन साल के भीतर 23 से 12 पर पहुंचना अपने आप में बड़ी बात थी और वह भी तब जब वह संसद की सदस्य नही थीं.


पार्टी में अपने कदम मजबूती से जमा चुकीं प्रियंका को 27 जून 2019 को जातीय मामलों के लिए संसदीय निजी सचिव नियुक्त किया गया और सरकारी कामकाज में उन्हें पहली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई. 2020 में प्रियंका ने मौंकीकी से चुनाव जीतकर संसद की तरफ कदम बढ़ाया और दो नवंबर को उन्हें कई विभागों का मंत्री बनाकर पार्टी के लिए उनके कामकाज और उनकी बेहतरीन नेतृत्व क्षमता को सम्मान दिया गया.


प्रियंका की इस सफलता पर केरल में उत्साह का माहौल है. कांग्रेस नेता शशि थरूर और राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सहित कई लोगों ने उनकी इस उपलब्धि के लिए उनकी सराहना की है. विजयन ने लिखा, ‘‘मुझे यह जानकर अपार हर्ष हुआ कि प्रियंका राधाकृष्णन न्यूजीलैंड में भारतीय मूल की पहली मंत्री बनी हैं. लेबर पार्टी की इस नेता की जड़ें केरल से जुड़ी हैं. केरल की जनता की तरफ से हम उन्हें हार्दिक बधाई देते हैं.’’


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