नई दिल्ली: आतंकवाद को समर्थन देने के लिए सारी दुनिया में बदनाम पाकिस्तान के भविष्य का जल्द फैसला होगा. इस माह के अंत में पाकिस्तान द्वारा टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ उठाए गए कदमों की समीक्षा की जाएगी और तब फैसला होगा कि देश ब्लैक लिस्ट किया जाएगा या नहीं.


बता दें कि फिनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की वर्चुअल मीटिंग 21 से 23 अक्टूबर तक के बीच होगी और इसी दौरान यह फैसला होगा कि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाला जाए या नहीं.


इस FATF की वर्चुअल मीटिंग में सबसे अहम बात यह होगी कि इसमें मनी लॉन्ड्रिंग व टेरर फंडिंग के खिलाफ उठाए गए इस्लामाबाद के कदमों की समीक्षा की जाएगी. बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान को साफ हिदायत दी गई थी कि अगर वो आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाता तो उसपर कार्रवाई की जाएगी.


ब्लैक लिस्ट में होने का क्या मतलब होगा


अगर पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया तो उसे अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों जैसे आईएमएफ और विश्व बैंक से कोई ऋण नहीं दिया जाएगा. इससे पहले ईरान और साउथ कोरिया को ब्लैक लिस्ट में डाला गया है.