लंदन: ब्रिटेन को बोरिस जॉनसन के रूप में अपना नया प्रधानमंत्री मिल गया है. लंदन के पूर्व मेयर और यूके के पूर्व विदेश मंत्री जॉनसन मंगलवार को कंजर्वेटिव पार्टी के नेता चुने गए. उन्हें 92,153 (66 प्रतिशत) वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी जेरमी हंट को सिर्फ 46,656 वोट मिले. ऐसे में आइए जानते हैं 55 साल के बोरिस जॉनसन के बारे में जिन्होंने पत्रकार, सांसद, मेयर और विदेश मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक का सफ़र तय किया है.


कौन हैं बोरिस जॉनसन


बोरिस जॉनसन तुर्की वंश के हैं. उनका जन्म न्यूयॉर्क में 19 जून 1964 हुआ था. उनके माता-पिता ब्रिटिश थे जिसकी वजह से उनके जन्म का पंजीकरण अमेरिकी अधिकारियों और न्यूयॉर्क शहर के ब्रिटिश वाणिज्य दूतावास दोनों जगह किया गया था. इसी वजह से उन्हें अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिकता दोनों प्राप्त हुई. जिस वक्त बोरिस जॉनसन का जन्म हुआ उस वक्त उनके पिता स्टेनली जॉनसन कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र का अध्ययन कर रहे थे.


जॉनसन की स्कूली शिक्षा इंग्लैंड के एक बोर्डिंग स्कूल से हुई. वो एक मेधावी छात्र थे, उन्होंने एटोन कॉलेज में एक स्कॉलरशिप प्राप्त की. इसके बाद ऑक्सफोर्ड के बैलियोल कॉलेज से क्लासिक्स विषय में पढ़ाई की. अपने कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही बोरिस जॉनसन ऑक्सफोर्ड यूनियन के प्रेसिडेंट चुने गए थे.


इसके बाद उन्होंने पत्रकारिता में अपना करियर आजमाया. ब्रिटानिका की उनकी बायोग्राफी की मानें तो उन्होंने 1987 में द टाइम्स अखबार में रिपोर्टर की नौकरी शुरू की थी. लेकिन, यहां तथ्य में गड़बड़ी के आरोप में उन्हें निकाल दिया गया था. वैसे इसके बाद उन्होंने द टेलीग्राफ अखबार में काम किया. यहां उन्होंने रिपोर्टर के तौर पर यूरोपियन समुदाय को कवर किया. इसके बाद 1994 में यहां असिस्टेंट एडिटर बन गए. इसी साल वो स्पेक्टेटर पत्रिका में पॉलिटिकल कॉलमनिस्ट बन गए. इसी करियर के बीच ऐसे संयोग बने कि वो राज‍नीति में आ गए.


राजनीतिक करियर


2001 में वह हेनले की सुरक्षित कंजर्वेटिव सीट में माइकल हेसल्टाइन की जगह एक सांसद बने. बोरिस जॉनसन साल 2001-2008 तक सात साल हेनले से एमपी रहे. इसके अलावा आठ साल वो लंदन के मेयर भी रहे. वह चार साल उक्सब्रिज और दक्षिण रुशलिप के लिए सांसद रहे. दो साल (2016-2018) वो फॉरेन सेक्रेटरी भी रहे. 2016 में जब वो विदेश मंत्री बने तो सोशल मीडिया में उनकी खूब आलोचना हुई.


विवादों से रहा है नाता


बोरिस जॉनसन अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहे हैं. उन्होंने बराक ओबामा से लेकर हिलेरी क्लिंटन तक पर विवादास्पद बयान दिया है. साल 2016 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को लेकर उन्होंने कहा था कि वह कुछ-कुछ केन्याई मूल के हैं और ब्रिटेन से 'खानदानी' नफरत करने वाले हैं. वहीं हिलेरी को लेकर जॉनसन ने कहा था कि वो किसी मेंटल हॉस्प‍िटल की 'सेडिस्ट‍िक नर्स' की तरह हैं. उनके बयानों का सिलसिला यहीं नहीं रुकता. वह कभी सीरिया के राष्ट्रपति असद की तारीफ को लेकर तो कभी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निंदा को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं.


इसके अलावा वह अपनी नस्लभेदी टिप्पणी को लेकर भी चर्चा में रहे हैं. साल 2006 में अपने एक कॉलम में इन्होंने पापुआ न्यू गिनी के लोगों को 'हत्यारा' और 'नरभक्षी' करार दिया था.


निजी ज़िंदगी


बोरिस सिर्फ़ राजनीतिक नहीं बल्कि निजी रिश्तों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. 1987 में उन्होंने इतिहासकार विलियम मोस्टिन-ओवेन और इतालवी लेखक गिया सर्वदियो की बेटी एलेग्रा मोस्टिन-ओवेन से शादी की. 1993 में दोनों अलग हो गए. इसके कुछ हफ़्ते बाद उन्होंने मरीना व्हीलर से शादी की जो एक बैरिस्टर और पत्रकार चार्ल्स व्हीलर की बेटी थीं. मरीना की मां भारतीय मूल की हैं. उनका नाम दीप व्हीलर है, जिनका संबंध सिख परिवार से है.


अप्रैल 2006 में 'न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड' ने आरोप लगाया कि जॉनसन का पत्रकार एना फ़ज़ैकेरले के साथ संबंध हैं, हालांकि इस जोड़ी ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. कुछ ही समय बाद जॉनसन ने फ़ज़ैकेरले को नौकरी दी.


बोरिस जॉनसन को दक्षिणपंथी विचारधारा की ओर झुकाव के लिए जाना जाता है और वह ऐसे वक्त में ब्रिटेन की सत्ता संभालने जा रहे हैं, जब ब्रेग्जिट को लेकर अनिश्चितता का माहौल है. उनके सत्ता संभालने से पहले ही उन्हें पार्टी में विद्रोह का सामना करना पड़ा है. चांसलर फिलिप हैमंड समेत कई प्रमुख कैबिनेट मंत्री पहले ही यह कह चुके हैं कि जॉनसन के नेतृत्व में काम करने से बेहतर है कि वे इस्तीफा दे देंगे.