(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ट्रूडो सरकार के किस फैसले ने बढ़ाई भारतीयों की टेंशन? कनाडा में 70,000 से ज्यादा छात्र कर रहे प्रदर्शन
Protest In Canada: जस्टिन ट्रूडो सरकार के फैसलों की वजह से कनाडा में रह रहे भारतीयों समेत करीब 70,000 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर निर्वासन का खतरा मंडराने लगा है.
Protest In Canada: कनाडा में इन दिनों भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. दरअसल, 70,000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर कनाडा से बाहर निकलने का खतरा मंडरा रहा है. हाल ही में कनाडा सरकार ने फेडरल इमिग्रेशन पॉलिसी (Federal immigration policies) में बदलाव किया है और इन्हीं के चलते अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को निष्कासन का सामना करना पड़ सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ स्टूडेंट्स के वर्क परमिट इस साल के अंत में समाप्त हो रहे हैं और कनाडा सरकार उन्हें बढ़ाए जाने के समर्थन में नहीं है. निर्वासित किए जाने के डर की बदौलत ही स्टूडेंट्स पूरे कनाडा में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि उनके वर्क परमिट को बढ़ाया जाए. इसके साथ ही छात्रों की मांग स्थाई निवास की भी है.
कहां-कहां हो रहे विरोध प्रदर्शन?
अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के समूहों ने प्रिंस एडवर्ड आइलैंड (पीईआई), ओंटारियो, मैनिटोबा और ब्रिटिश कोलंबिया सहित विभिन्न प्रांतों में कैंप लगाए हुए हैं. इस दौरान वो रैलियां भी आयोजित कर रहे हैं. इसी क्रम में प्रिंस एडवर्ड आइलैंड में लगभग सैंकड़ों स्टूडेंट्स, इमिग्रेशन नियमों में बदलावों को चुनौती देते हुए करीब तीन महीने से विधान सभा के बाहर अपना विरोध जता रहे हैं.
छात्रों ने सुनाया अपना दर्द
निर्वासन का सामना कर रहे एक छात्र महकदीप सिंह ने मीडिया से सिटी न्यूज टोरंटो से बात की. सिंह ने बताया, 'कनाडा आने के लिए मैंने छह साल जोखिम उठाया. पढ़ाई की, काम किया, टैक्स चुकाया और सीआरएस स्कोर हासिल किया लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि सरकार ने मेरा फायदा उठाया.'
बता दें कि कनाडा ने अंतर्राष्ट्रीय छात्र परमिट आवेदनों पर एक सीमा लगाने का भी फैसला किया है और ये भी छात्रों की परेशानी का कारण बना है. इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) के मुताबिक, साल 2024 में करीब 3,60,000 परमिट स्वीकृत किए जा सकते हैं जो बीते वर्ष की तुलना में करीब 35% कम हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी सोमवार (26 अगस्त) को कहा था कि कनाडा में अस्थाई नौकरी करने वाले विदेशियों की संख्या कम की जाएगी. बता दें कि ट्रूडो सरकार के इस फैसले का असर सबसे ज्यादा भारतीयों पर पढ़ेगा क्योंकि कनाडा में भारी संख्या में भारतीय छात्र मौजूद हैं.
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