सिंध विधानसभा में पीटीआई सांसदों ने लगाए नारे "गद्दारों को फांसी दो", विरोधियों की दी सांकेतिक फांसी
पाकिस्तान की सियासत में रोज नए हंगामे हो रहे हैं. अब सिंध की प्रांतीय विधानसभा के पीटीआई सांसदों ने बुधवार को इमरान खान सरकार को गिराने में कथित रूप से शामिल लोगों को फांसी दिए जाने जाने के नारे लगाए.
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पाकिस्तान में जारी सियासी संकट सिंध की प्रांतीय विधानसभा के पीटीआई सांसदों ने बुधवार को इमरान खान सरकार को गिराने में कथित रूप से शामिल लोगों को फांसी दिए जाने जाने के नारे लगाए. पीटीआई सांसदों ने "गद्दारों को फांसी दो," नारे के साथ विरोधियों को सांकेतिक फांसी भी दी. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
इससे पहले रविवार को पंजाब विधानसभा जमकर हंगामा हुआ था. विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष की महिला विधायक एक दूसरे से भिड़ गई थीं. पंजाब विधानसभा के हंगामे वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो में महिला विधायकों को एक दूसरे के साथ धक्का-मुक्की करते और झगड़ते नजर आईं. महिलाएं एक-दूसरे बाल खींचते भी नजर आईं.
"Hang the traitors," said PTI MPAs of the provincial Assembly of Sindh as they carried out symbolic hanging of those allegedly involved in toppling Imran Khan govt: Pak media
— ANI (@ANI) April 6, 2022
(Photo source: Pakistan media) pic.twitter.com/LiDYV09RS8
वहीं पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय ने नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और उसके बाद संसद को भंग करने के मामले में सुनवाई बुधवार को एक दिन के लिए स्थगित कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान समयानुसार गुरुवार सुबह 9:30 बजे तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी.
रविवार को संसद को किया गया भंग
गौरतलब है कि नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी द्वारा रविवार को प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने के कुछ ही मिनटों बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इमरान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था. सत्तारूढ़ गठबंधन से दो अहम सहयोगियों के हटने के बाद इमरान ने संसद के 342 सदस्यीय निचले सदन में बहुमत खो दिया था. शीर्ष अदालत ने इस घटनाक्रम पर स्वत: संज्ञान लिया है और पांच सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
2018 में सत्ता में आए थे इमरान
इमरान खान 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे, लेकिन चीजों की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे, जिससे विपक्ष को उनकी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया.
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