PTI Protests in Pakistan: पाकिस्तान में बढ़ते राजनीतिक और आर्थिक तनाव के बीच, भारतीय विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार संकट में पड़ सकती है. आर्थिक संकट, बढ़ती महंगाई, और राजनीतिक अस्थिरता ने पाकिस्तान की स्थिति को जटिल बना दिया है. विपक्षी दलों और जनता के बीच सरकार के प्रति असंतोष लगातार बढ़ रहा है. इस बीच इंडियन एक्सपर्ट का मानना है कि यह राजनीतिक बदलाव का संकेत हो सकता है.
पाकिस्तान इस समय गंभीर संकट का सामना कर रहा है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान की कैद को लेकर देश में तनाव बढ़ता जा रहा है. PTI कार्यकर्ताओं ने इमरान खान की जेल से रिहाई की मांग करते हुए इस्लामाबाद की ओर कूच शुरू कर दिया है.इस दौरान पूरे देश से हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. इस स्थिति से पाकिस्तान में गृहयुद्ध की आशंका बढ़ रही है.
'स्थिति नियंत्रण से हो सकती बाहर'
इमरान खान की गिरफ्तारी ने पाकिस्तान की राजनीति और शासन को बुरी तरह प्रभावित किया है. इस्लामाबाद में तनाव चरम पर है. इंडियन सिक्योरिटी एक्सपर्ट सुशांत सरीन ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है.
उन्होंने एक्स पर लिखा है "अगर प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ 2024 तक अपने पद पर बने नहीं रहते या सेना प्रमुख असीम मुनीर का तख्तापलट हो जाता है, तो यह अप्रत्याशित नहीं होगा." सरीन ने यह भी कहा कि इमरान खान ने जेल में रहते हुए अपनी राजनीतिक ताकत को साबित कर दिया है. उनका मानना है कि इमरान खान से निपटने का एकमात्र तरीका या तो उन्हें मारना है, जिससे गृहयुद्ध का जोखिम बढ़ेगा, या उन्हें सत्ता में आने देना है, जो अलगाव और हिंसा को जन्म दे सकता है.
पाकिस्तान में प्रदर्शन और दमन की स्थिति
पीटीआई ने लोगों से "गुलामी की बेड़ियां तोड़ने" के लिए सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है. खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने पेशावर से इस्लामाबाद के लिए काफिले की अगुवाई की. इसके जवाब में, प्रशासन ने हाईवे को कंटेनरों से जाम कर दिया है और सार्वजनिक सभाओं पर रोक लगाने के लिए धारा 144 को लागू किया है.
इस्लामाबाद में स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि प्रदर्शन को रोकने के लिए भारी मात्रा में संसाधन और सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं. सुशांत सरीन ने अपने एक अन्य ट्वीट में इसे हास्यास्पद बताते हुए कहा "इमरान खान जेल में रहते हुए सेना और सरकार को इतना डरा रहे हैं कि राजधानी बंद कर दी गई है, इंटरनेट बंद है, छापेमारी हो रही है, और विरोध को कुचलने के लिए सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है."
क्या गृहयुद्ध के कगार पर है पाकिस्तान?
विश्लेषकों का मानना है कि यह राजनीतिक स्थिति पाकिस्तान के लिए लंबे समय तक अस्थिरता का कारण बन सकता है. इमरान खान की लोकप्रियता और उनकी पार्टी का आह्वान सरकार और सेना दोनों के लिए चुनौती बन गया है.