नई दिल्ली: जम्मु-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में भारत ने 37 सीआरपीएफ जवानों को खो दिया. लेकिन इस आमनवीय कृत्य के बाद पाकिस्तान मीडिया के एक धड़े ने बेशर्मी की हदें पार कर दी. पाकिस्तान मीडिया द नेशन ने भारतीय जवानो के हत्यारों को स्वतंत्रता सेनानी करार दिया है. द नेशन लिखता है कि भारतीय क्रूरता का जवाब देते हुए "स्वतंत्रता सेनानियों" ने 44 भारतीय जवानों को मौत के घाट उतार दिया.


हालांकि, हमले की ज़िम्मेदारी ख़ुद आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. लेकिन द नेशन लिखता है कि भारत सरकार पाकिस्तान को बदनाम करके कश्मीर के स्थानीय युवाओं से इस हमला का क्रेडिट छीनना चाहती है. इसलिए वो जैश को बदनाम कर रही है. कथित तौर पर जैश के किसी प्रवक्ता ने द नेशन को बताया है कि इस हमले से मसूद अजहर के इस आतंकी संगठन का कोई लेना-देना नहीं है.


आपको बता दें कि द नेशन के इस दावे को पाकिस्तान के सबसे बड़े मीडिया संस्थान द डॉन के रिपोर्ट का तमाचा लगा है जिसने अपनी रिपोर्ट में छापा है कि हमले की ज़िम्मेदारी जैश ने ली है. हालांकि, इसने भी पाकिस्तानी पक्ष रखते हुए कश्मीर की आज़ादी की लड़ाई को बल दिया है और कहा है कि कश्मीर लंबे समय से पाकिस्तान का हिस्सा बनने की जंग लड़ रहा है.


पाकिस्तान के द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा है कि पाकिस्तानी सरकार भारत के दावों का ख़ारिज करती है कि इस हमले में उसका हाथ है. वहीं, इसने भी ये बात छापी है कि हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है जो पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह है. आपको बता दें कि द डॉन और द एक्सप्रेस ट्रिब्यून दोनों ने ही जैश की ज़िम्मेदारी लेने की बात भारतीय मीडिया और कश्मीर की लोकल मीडिया के हवाले से छापी है. लेकिन इन्होंने द नेशन की तरह सफेद झूठ नहीं छापा.


ये भी देखें


पुलवामा हमला: जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने स्वीकारी चूक