मेलबार्न: भारत समेत दुनिया की चार टेलीस्कॉप ने ब्रह्मांड में बिग बैंग के बाद सबसे बड़े विस्फोट की खोज की है. भारत के पुणे स्थित जाएंट मेट्रेबेव रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) ने इसकी खोज में अहम भूमिका निभाई है. बिग बैंग की तुलना में इससे पांच गुना अधिक ऊर्जा रिलीज हुई थी. यह सुपरमेसिव ब्लैक होल लाखों प्रकाश वर्ष दूर गैलेक्सी के केंद्र में स्थित है. इस विस्फोट की खोज जीएमआरटी के अलावा नासा की चंद्र एक्सरे आब्जर्वेटरी, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, एक्सएमएम-न्यूटन और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की मर्चिसन वाइडफील्ड एरे ने मिलकर की है.
सबसे बड़ा विस्फोट
ऑस्ट्रेलिया में कर्टिन यूनिवर्सिटी नोड ऑफ रेडियो एस्ट्रोनॉमी रिसर्च के प्रोफेसर मेलानी जॉनसन हॉलिट ने कहा है कि उन्होंने पहले भी गैलेक्सी में विस्फोट देखा है, लेकिन यह वास्तव में काफी बड़ा है. हालांकि इसके बड़े होने का कारण स्पष्ट नहीं है. फिर भी ऐसा माना जाता है कि इसका विकास धीरे-धीरे ही हुआ है. उन्होंने कहा कि इसका विकास सैकड़ों लाखों सालों में हुआ है.
390 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर
वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी से 390 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर ओफिचस गैलेक्सी समूह में यह बिग बैंग हुआ है. यह काफी शक्तिशाली था. अमेरिका के वैज्ञानिक सिमोना गियासिंटुकी ने कहा कि यह धमाका ऐसे ही था जैसे 1980 में सेंट हेलेंस में हुआ था. जिसने पूरे पहाड़ को ऊपर से चीर दिया था.
जॉनसन हॉलिट ने कहा कि क्लस्टर प्लाज्मा के मलबे को सबसे पहले एक्स-रे टेलीस्कोपों के द्वारा देखा गया था. हालांकि इस महाविस्फोट को लेकर अभी भी स्टडी की जा रही है.
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