'Prachanda' Government: नेपाल में कॉमरेड ओली और नेपाल कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने 'प्रचंड' सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है, जिसके बाद अब पुष्प दहल कमल प्रचंड की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है. फिलहाल, प्रचंड ने अपने पद से स्तीफा देने के बजाय संसद में विश्वास मत का सामने करने की बात कही है, जिसके बाद नेपाल की सियासी उठापटक तेज हो गई है. 


नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सऊद ने बताया कि नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और CPN-UML के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बीच सोमवार आधी रात को नई गठबंधन सरकार को लेकर सहमति बनी है. इसको लेकर दोनों पार्टियों ने 'राष्ट्रीय आम सहमति सरकार' बनाने के लिए सत्ता-साझाकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. नेपाली कांग्रेस के सदस्य सऊद ने बताया कि 78 वर्षीय देउबा और 72 वर्षीय ओली बचे हुए कार्यकाल के लिए बारी-बारी से प्रधानमंत्री बनेंगे. 


नेपाल की संसद में क्या है बहुमत का आंकड़ा?
नेपाल की संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस है, जिसके पास मौजूदा समय में 89 सांसद हैं. वहीं सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीटें हैं. 275 सीटों वाली नेपाल की संसद के लिए बहुमत का आंकड़ा 138 है. ऐसे में दोनों को जोड़ने के बाद 167 सीटें होती हैं, इस तरह से बड़ी आसानी से 'प्रचंड' सरकार गिर सकती है. 


चार महीने बाद ओली ने बदला दांव
चार महीने तक 'प्रचंड' को समर्थन देने के बाद ओली ने अब नेपाली कांग्रेस के साथ जाने का मन बनाया है. नए राजनीतिक गठबंधन को लेकर दोनों नेताओं के बीच शनिवार को भी बातचीत का दौर चला था. नए फॉर्मूले के तहत बचे हुए कार्यकाल के पहले चरण में ओली नेपाल के प्रधानमंत्री बनेंगे. सऊद ने बताया कि बचे हुए डेढ़ साल के कार्यकाल के लिए दोनों नेताओं ने बारी-बारी से पद संभालने पर सहमति जताई है. 


'प्रचंड' नहीं देंगे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा
दूसरी तरफ सीपीएन-माओवादी सेंटर के करीबी सूत्रों ने बताया कि पुष्प दहल कमल प्रचंड इस समय सीपीएन-यूएमएल प्रमुख ओली से बातचीत कर रहे हैं. प्रचंड ने कहा है कि फिलहाल, वे अपने पद से इस्तीफा देने वाले नहीं हैं. नेपाल की एक न्यूज एजेंसी से ने बताया कि बंद कमरे में ओली और देउबा की हुई मीटिंग के बाद प्रचंड काफी चिंतित हैं. फिलहाल, वे ओली से बातचीत कर रहे हैं.


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