Nepal Politics: नेपाल की सियासत में फिर बवाल मचने के आसार हैं. वहां प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई, उस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने संज्ञान लेते हुए ‘प्रचंड’ के खिलाफ रिट याचिका दायर कर ली है. कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of Nepal) के तत्कालीन अध्यक्ष रहे पुष्प कमल दहल प्रचंड पर आरोप है कि उन्होंने माओवादी सैनिकों के रूप में बच्चों का इस्तेमाल किया. 


पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के खिलाफ याचिका नेपाल में नाबालिग सैनिक रहे लेनिन बिस्टा ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि राजशाही के खिलाफ माओवादियों के युद्ध में बाल-सैनिकों का इस्तेमाल किया गया था. कम उम्र के बच्‍चों से सैनिकों की तरह सेवा लेना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन माना जाता है. इसी याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रिट फाइल करने का आदेश जारी किया है.




पीएम और पूर्व पीएम दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
नेपाली मीडिया में आई खबरों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर की गई याचिका में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ बाबूराम भट्टराई के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. ‘प्रचंड’ तत्कालीन विद्रोही माओवादी पार्टी के प्रमुख थे. वहीं, भट्टराई दूसरे नंबर के कमांडर थे.




भारत यात्रा के बाद से ही विरोधियों के निशाने पर थे
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ हाल में ही भारत यात्रा पर आए थे. उनकी इस यात्रा की नेपाल में खूब चर्चा हुई. नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली ने उनके इस दौरे पर सवाल उठाए. ओली ने ये भी कहा था- पीएम ‘प्रचंड’ भारत गए, लेकिन वहां 'अखंड भारत' के म्‍यूरल पर उनसे सफाई नहीं मांगी. भारत नेपाल की सियासत में हस्‍तक्षेप करता रहता है. 


यह भी पढ़िए: भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर पहुंचे नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड, देखा एशिया का सबसे बड़ा बायोगैस प्लांट