रूस की एक अदालत ने मंगलवार को जेल में बंद क्रेमलिन के आलोचक एलेक्सी नवलनी को गबन और अदालत की अवमानना के अतिरिक्त आरोपों का दोषी पाया और उसे नौ साल जेल की सजा सुनाई.  मॉस्को के बाहर नवलनी  की पेनल कॉलोनी के अंदर हुई सुनवाई में मौजूद एएफपी रिपोर्टर के अनुसार जज मार्गरीटा कोटोवा ने कहा, "नवलानी ने धोखाधड़ी की - एक संगठित समूह द्वारा संपत्ति की चोरी."


जज ने नवलनी  को अदालत की अवमानना के कम गंभीर आरोप का भी दोषी पाया. मौके पर मौजूद एएफपी के एक रिपोर्टर के अनुसार, फैसले के बाद उनके वकीलों को पुलिस ने जेल के बाहर हिरासत में ले लिया.


नवलनी, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे मुखर घरेलू आलोचक रहे हैं. वह "सख्त-शासन" दंड कॉलोनी में अपनी नई सजा काटेंगे जो उन्हें बहुत कठोर परिस्थितियों में डाल देगी. नौ साल की सजा उस ढाई साल की सजा के साथ-साथ चलेगी जो वह पहले से ही काट रहे हैं.


रूस में दबाई जा रही हैं असहमति की आवाजें 
रूस विपक्ष और असहमति की आवाजों पर अभूतपूर्व कार्रवाई देख रहा है. जेल जाने से पहले, नवलनी रूस के मुख्य विपक्षी नेता थे और उनकी टीम अक्सर रूस के कुलीन वर्ग की संपत्ति की जांच प्रकाशित करती थी, जिसे YouTube पर लाखों व्यूज मिलते थे.


रूस ने स्वतंत्र मीडिया और गैर सरकारी संगठनों पर भी दबाव बढ़ा दिया है, कई को "विदेशी एजेंट" घोषित कर दिया है, जबकि अन्य ने अभियोजन के डर से काम करना बंद कर दिया है.


मॉस्को द्वारा यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई के बारे में "फर्जी समाचार" के लिए 15 साल तक की जेल की सजा का एक नया कानून पारित करने के बाद मीडिया आउटलेट्स पर और अधिक पाबंदी लग गई है.


ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लगाया प्रतिबंध 
रूस ने इस महीने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया है और कई स्वतंत्र समाचार आउटलेट की वेबसाइटों को अवरुद्ध कर दिया है. इंस्टाग्राम पर, नवलनी ने यूक्रेन में संघर्ष की निंदा की और अपने समर्थकों से जुर्माना और गिरफ्तारी की उच्च संभावना के बावजूद विरोध करने का आह्वान किया.


स्वतंत्र मॉनिटर ओवीडी-इन्फो का कहना है कि 24 फरवरी को पुतिन द्वारा यूक्रेन में सेना भेजे जाने के बाद से रूस भर में यूक्रेन के प्रदर्शनों में 15,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है.


यह भी पढ़ें:


Russia Ukraine War: जेलेंस्की बोले - पुतिन के साथ हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार, युद्ध बातचीत की टेबल पर ही खत्म होगा


इमरान खान बोले- इस्लामोफोबिया के प्रसार के लिए मुस्लिम देश जिम्मेदार, गलत नैरेटिव को रोकने के लिए कुछ नहीं किया