Russian President Praises Narendra Modi: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम मोदी 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को बढ़ावा देकर "सही काम" कर रहे हैं. मंगलवार को रूसी बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक में उन्होंने 8वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) में रूसी निर्मित कारों पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में यह बात कही है.
व्लादिमीर पुतिन ने इस दौरान नरेंद्र मोदी सरकार की जमकर तारीफ की है. ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में एक संबोधन के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने कहा, "आप जानते हैं, हमारे पास पहले घरेलू स्तर पर बनाई गईं कारें नहीं थीं, लेकिन अब हमारे पास वो सब हैं. यह सच है कि मर्सिडीज या ऑडी कारों की तुलना में यह अधिक मामूली दिखती हैं. मुझे लगता है कि हमें अपने कई साझेदारों का अनुकरण करना चाहिए, मिशाल के लिए भारत. वे(भारत) अपने देश में निर्मित वाहनों के निर्माण और इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी सही तरह से काम कर रहे हैं. मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने में वह सही हैं."
'भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा नहीं बनेगा बाधा'
जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा की स्थापना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया.
रूसी राष्ट्रपति ने फोरम के संबोधन के दौरान यह भी विस्तार से बताया कि कैसे उन्हें भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) में ऐसा कुछ भी नहीं नजर नहीं आता जो रूस के लिए बाधा बन सके और उनके अनुसार इस परियोजना से रूस को फायदा होगा.
ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल
8वीं ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम की बैठक 10-13 सितंबर तक रूस के सुदूर पूर्वी शहर में आयोजित की जा रही है.केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. पुतिन के संबोधन के दौरान वह वहां मौजूद थे.
समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि फोरम की बैठक के दौरान सर्बानंद सोनोवाल का रूसी सुदूर पूर्व और आर्कटिक के विकास मंत्री एलेक्सी चेकुनकोव और रूस के परिवहन मंत्री विटाली सेवलीव से मिलने का कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य मजबूत संबंधों को बनाए रखना और विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक, व्यापार और रसद सहयोग को बढ़ावा देना है.