नई दिल्ली: सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे खाड़ी देशों से बहिष्कार का सामना कर रहे कतर का एक बिजनेस हाल ही में 4000 गायों की खरीदारी को लेकर चर्चा में आ गया था. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि यह बिजनेस कतर पर खाड़ी देशों की तरफ से लगाए गए बैन के बाद गाय की खरीदारी के जरिए देश में हो रही दूध की कमी को पूरा करेगा.


ताजा मीडिया रिपोर्ट्स में जानकारी दी गई है कि इन गायों का पहला झुंड कतर तक पहुंचा चुका है. गायों के इस पहले झुंड को दोहा से 80 किलोमीटर दूर एक खेत में रखा गया है. पहले आए रिपोर्ट्स में बताया गया था कि 4000 गायों को ऑस्ट्रलिया और अमेरिका से 60 फ्लाइट के जरिए अगस्त तक कतर में लाया जाएगा.


बालाना लाइवस्टॉक प्रोडक्शन के एक वरिष्ठ प्रबंधक जॉन डोरे ने कहा, "हम 165 गाय लेकर आए हैं. इनमें से से 35 गाय अभी दूध दे रही है जबकि बाकी 130 दो से तीन हफ्तों के बाद दूध देने लगेंगी.


देश में दूध की कमी को पूरा करने के लिए कतर का यह कारोबारी खरीदेगा 4000 गाय


आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति की सऊदी अरब यात्रा के बाद इन देशों ने कतर के साथ अपने राजनयिक और यात्रिक संबंधों को खत्म करने का फैसला किया. खाड़ी देशों ने कतर पर उग्रवादी समूह, जैसे कि फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास और शिया क्षेत्रीय शक्ति ईरान को मदद करने का आरोप लगाया है.


इस संकट के बाद कतर में सबसे ज्यादा असर दूध की सप्लाई पर पड़ा था, क्योंकि कतर दूध की आपूर्ति के लिए इन्हीं देशों पर निर्भर था. हालांकि, राजनीतिक संकट शुरू होने के बाद से कतर ने तुर्की, ईरान और मोरक्को सहित विभिन्न देशों से भोजन आयात करने का सहारा लिया है.


कतर का उद्देश्य देश में मौजूद मवेशियों की संख्या में पांच गुना बढ़ोतरी करना है, क्योंकि यह चालू संकट के कारण आयात पर निर्भर रहना पड़ता है. डोरे ने कहा है कि कतर में "बीफ़ में आत्मनिर्भर" बनने के लिए पशुधन पहला कदम था, और इसका लक्ष्य निकट भविष्य में देश में पशुओं की संख्या को 5000 से बढ़ाकर 25,000 रूपये तक लाने में है.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 3,700 किलोमीटर से अधिक की अपनी यात्रा के बाद और 41 डिग्री सेल्सियस गायों का यह झुंड नए परिवेश से अनजान लग रहा है.


क़तार फर्म पावर इंटरनेशनल के चेयरमैन मौउट अल-खय्याट ने गायों को खरीदा और आयात किया था, ब्लूमबर्ग न्यूज़ को बताया गया है कि एक बार सभी 4000 गायों को कतर पहुंचने के बाद, वे देश की डेयरी जरूरतों के लगभग 30 जरुरत पूरी कर सकते हैं.