Quad Meet:  क्वाड (Quad) विदेश मंत्रियों की चौथी मीटिंग के दौरान पाकिस्तान (Pakistan), चीन (China) और उत्तर कोरिया (North Korea) को एक संदेश भेजा गया जिसमें उन्हें सलाह दी गई कि वे उन गतिविधियों में भाग न लें जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific region) में शांति और स्थिरता के लिए खतरा हैं.  हालांकि किसी भी राष्ट्र या नेताओं का नाम (सिर्फ- उत्तर कोरिया और हाल ही में उसकी बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों की हड़बड़ी को छोड़कर) क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद, दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में आक्रमकता और अफगानिस्तान में पैदा अस्थिरता के संदर्भ में नहीं लिया गया.


एक संयुक्त बयान में, क्वाड विदेश मंत्रियों ने सीमा पार आतंकवाद के लिए परदे के पीछे आतंकवादियों के इस्तेमाल की निंदा की, जबकि अन्य देशों को भी आतंकवाद की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने के लिए एकजुट होकर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया.


मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में किसी विशेष राष्ट्र का नाम लिए बिना कहा,  “हम सीमा पार आतंकवाद के लिए परदे के पीछे के आतंकवादियों के इस्तेमाल की निंदा करते हैं और देशों से आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने. आतंकवादी नेटवर्क और बुनियादी ढांचे और वित्तीय चैनलों जो उन्हें बनाए रखते हैं, को बाधित करने; और आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही को रोकने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह करते हैं.”


भारत के रुख को समर्थन 
यह बयान आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के समर्थन को भी दर्शता है  क्योंकि उन्होंने 26/11  मुंबई और पठानकोट हमलों की निंदा की. इन बयानों को जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के रूप में भी देखा जा सकता है. सभी सदस्य इस बात पर भी सहमत हुए कि अफगानिस्तान को आतंकवाद का सुरक्षित पनाहगाह बनने से रोका जाना चाहिए.


क्या कहा जापानी, ऑस्ट्रेलियाई और अमेरिकी विदेश मंत्री ने
जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी (Yoshimasa Hayashi) दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में आक्रामकता के कारण इस क्षेत्र और जापान के लिए पैदा हुए खतरों को लेकर मुखर थे. उन्होंने इस क्षेत्र में चीनी अभ्यास का जिक्र किया हालांकि किसी देश का नाम नहीं लिया.


योशिमासा हयाशी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किम जोंग उन (Kim Jong Un) के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों की हड़बड़ी क्षेत्र की स्थिरता के लिए एक निरंतर खतरा है. हयाशी ने इस बारे में भी विस्तार से बताया कि ताइवान इस क्षेत्र की सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि के लिए कितना महत्वपूर्ण है और कहा कि जब इस साल के अंत में क्वाड राष्ट्राध्यक्षों की बैठक बुलाई जाएगी तो इसमें वह शामिल होगा.


ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पायने ने उन राष्ट्रों के बारे में बात जिन पर चीन का भारी कर्ज है और चीन पर निर्भरता के कारण वे राष्ट्रीय हितों से समझौता कर रहे हैं.  पायने ने कहा, "हम जबरदस्ती की आर्थिक नीतियों और प्रथाओं का विरोध करते हैं और इस तरह के कार्यों के खिलाफ वैश्विक आर्थिक लचीलापन को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक रूप से काम करेंगे."


अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र 21वीं सदी को आकार देगा. उन्होंने यूक्रेन संकट पर इशारों इशारों में कहा कि ऑस्ट्रेलिया से आधे रास्ते में जो हो रहा है वह अहमियत रखता है क्योंकि यह किसी भी देश के साथ हो सकता है अगर इस तरह की कार्रवाइयों को बेरोकटोक अनुमति दी गई तो. यह बयान यूक्रेन की सीमा पर रूसी आक्रमण के अमेरिकी दावों की ओर इशारा करता है.


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