QUAD Summit: टोक्यो में क्वाड समिट के एक सत्र के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कोविड महामारी को लोकतांत्रिक तरीके से सफलतापूर्वक करने के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की. उन्होंने महामारी से निपटने में चीन की विफलता के साथ भारत की सफलता की तुलना की. हालांकि दोनों देश तुलनीय आकार के हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की सफलता ने दुनिया को दिखाया है कि लोकतंत्र में कुछ भी सम्भव हैं.


बाइडन ने इस दौरान ये भी कहा कि इस मिथक का भंडाफोड़ किया कि चीन और रूस जैसे निरंकुश लोग तेजी से बदलती दुनिया को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं क्योंकि उनका नेतृत्व लंबी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से गुजरे बिना निर्णय ले सकता है और लागू कर सकता है. अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रपति बाइडेन की ये टिप्पणी अलिखित प्रतीत होती है क्योंकि उन्होंने अपनी तैयार टिप्पणियों से पहले यह कहने के लिए एक विशेष हस्तक्षेप किया था.


भारत द्वारा अन्य देशों को आपूर्ति किए गए टीकों से जमीनी स्तर पर फर्क पड़ा- एंथनी अल्बनीज


बात यही नहीं थमी, ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने उसी सत्र में कहा कि भारत द्वारा अन्य देशों को आपूर्ति किए गए टीकों से जमीनी स्तर पर फर्क पड़ा है और इस तरह की सफलता सिर्फ विचारों की सैद्धांतिक बहस जीतने से ज्यादा मूल्यवान है की आप कुछ कर गुज़रें. 


जापान के पीएम ने भी भारत के योगदान की सरहाना की


जापान के पीएम किशिदा ने भी भारत के योगदान की सराहना की और याद किया कि क्वाड वैक्सीन इनिशिएटिव के तहत दिए गए भारतीय निर्मित टीकों को हाल ही में थाईलैंड और कंबोडिया में आभार के साथ प्राप्त किया था. उन्होंने यह भी नोट किया कि कंबोडिया में प्रधानमंत्री हुन सेन स्वयं टीके सौंपने के समारोह में शामिल हुए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैक्सीन डिप्लोमैसी की तारीफ़ अब दुनिया कर रही है.


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