भारत से अमेरिका जाने वाले लोगों पर लगाई गई नई पाबंदियां, छात्रों और पत्रकारों को मिली छूट
इस बीच, रिपब्लिकन सांसदों ने भारत पर यात्रा प्रतिबंध लगाने के लिए बाइडन की आलोचना की. सांसद टिम बुरचेट ने ट्वीट किया, ''मेक्सिको के साथ सीमाओं को खुला रखना और हमारे सहयोगी भारत पर यात्रा प्रतिबंध लगाना तर्कसंगत नहीं है.''
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को एक घोषणा पत्र जारी कर पिछले 14 दिन से भारत में रह रहे उन लोगों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं. यह घोषणा पत्र चार मई को लागू हो जाएगा. इसे 'भारत में कोविड-19 के अत्यधिक मामलों के सामने आने और वहां वायरस के कई स्वरूपों के सक्रिय होने' के कारण जारी किया गया है. इस बीच, ऑस्ट्रेलिया ने पिछले 14 दिन से भारत में मौजूद अपने देशवासियों के स्वदेश लौटने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है.
अमेरिका ने अपने नागरिकों, ग्रीन कार्ड धारकों, उनके गैर अमेरिकी जीवनसाथियों तथा 21 साल से कम आयु के बच्चों समेत विभिन्न वर्गों को इस यात्रा प्रतिबंध से छूट दी है. ये यात्रा प्रतिबंध अनिश्चितकाल के लिए लागू किए गए हैं और इस संबंध में राष्ट्रपति के अगले घोषणा पत्र से ही ये समाप्त हो सकते हैं.
बाइडन ने कहा, ''मैंने यह तय किया है कि यहां आने से पहले पिछले 14 दिन से भारत में रह रहे उन लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करना या रोकना अमेरिका के हित में है, जो प्रवासी नहीं है या जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं.''
यह फैसला स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के तहत रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की सलाह पर किया गया है.
बाइडन ने कहा, ''विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत में संक्रमण के 1,83,75,000 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है. भारत में कोविड-19 वैश्विक महामारी बहुत तेजी से फैल रही है.''
उन्होंने कहा कि नए वैश्विक मामलों के एक तिहाई से अधिक मामले भारत में सामने आ रहे हैं और वहां पिछले एक सप्ताह से रोजाना तीन लाख नए मामले सामने आ रहे हैं.
घोषणा पत्र में कहा गया है कि भारत में बी.1.617, बी.1.1.7, और बी.1.351 समेत वायरस के विभिन्न स्वरूपों से संक्रमण फैल रहा है. इस यात्रा प्रतिबंध से छात्रों, शिक्षाविदों और पत्रकारों समेत विभिन्न वर्गों के लोगों को छूट दी गई है.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने घोषणा पत्र जारी होने के बाद बताया कि छात्रों, शिक्षाविदों, पत्रकारों और कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण प्रभावित देशों में बुनियादी ढांचे संबंधी अहम सहयोग मुहैया कराने वाले लोगों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है.
बुरचेट के अलावा जोडे अरिंगटन और लॉरेन बोएबर्ट समेत कई रिपब्लिकन नेताओं ने इन प्रतिबंधों का विरोध किया, लेकिन भारतीय अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने इसका समर्थन किया.
इस बीच, ऑस्ट्रेलिया ने देश लौटने से पूर्व 14 दिन से भारत में रह रहे अपने देशवासियों के स्वदेश आने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है और इस प्रतिबंध का पालन नहीं करने पर पांच साल कारावास की सजा या भारी जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है.
ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने बताया कि भारत में संक्रमित होने के बाद लौटे कई लोग ऑस्ट्रेलिया में पृथक-वास में रह रहे हैं. इसी के मद्देनजर यह फैसला किया गया, ताकि संक्रमण को ऑस्ट्रेलिया में फैलने से रोका जा सके. मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सलाह के बाद इस फैसले को 15 मई को संशोधित किया जाएगा.