Queen Elizabeth-II: बाल्मोरल कैसल से निकला दिवंगत महारानी एलिजाबेथ का ताबूत, 19 को होगा अंतिम संस्कार
Elizabeth Death: दिवंगत महारानी एलिजाबेथ का 19 सितंबर को अंतिम संस्कार किया जाएगा. आज रविवार को उनका ताबूत बाल्मोरल कैसल से निकल चुका है. 6 घंटे की यात्रा कर यह स्कॉटलैंड की राजधानी पहुंचेगा.
Queen Elizbeth-II Funeral: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ का बीते गुरुवार को निधन (Elizabeth Death) हो गया था. उनके निधन की खबर के बाद से ही पूरे ब्रिटेन में शोक का माहौल है. भारत में एलिजाबेथ को श्रद्धांजलि देते हुए एक दिन का राजकीय शोक रखा गया. वहीं आज महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर को बाल्मोरल कैसल (Balmoral Castle) से स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबरा ले जाया जा रहा है.
दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत को लेकर एक रथ रविवार को बाल्मोरल कैसल से निकला है. दिवंगत महारानी का ताबूत एडिनबरा के लिए छह घंटे की सड़क यात्रा करेगा. 19 सितंबर को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
#WATCH | UK: Queen Elizabeth's funeral cortege left Balmoral castle to be moved first to Edinburgh, Scotland & then to London for her funeral on September 19
— ANI (@ANI) September 11, 2022
(Source: Reuters) pic.twitter.com/nYOtgpGeAW
19 सितंबर को महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद आधिकारिक 10 दिन के शोक की अवधि समाप्त होगी. अंतिम संस्कार सुबह 11 बजे वेस्टमिंस्टर एब्बे में होगा. अंतिम संस्कार के दिन बैंक में अवकाश रहेगा. किंग चार्ल्स तृतीय (King Charles III) ने सेंट जेम्स पैलेस में प्रिवी काउंसिल के साथ अपनी पहली बैठक के दौरान सार्वजनिक अवकाश की पुष्टि की.
किंग चार्ल्स तृतीय बने ब्रिटेन के नए सम्राट
किंग चार्ल्स तृतीय को ब्रिटेन का नया सम्राट घोषित किया गया. महाराजा चार्ल्स तृतीय ने शनिवार को कहा कि वह अपनी महान विरासत और कर्तव्यों और संप्रभुता की भारी जिम्मेदारियों के बारे में गहराई से समझते हैं. अपनी मां, दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के प्रेरक उदाहरण का अनुसरण करने का प्रयास करेंगे. सेंट जेम्स पैलेस में अपने घोषणा में उन्होंने अपनी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि अर्पित की.
'मेरी मां का शासन काल समर्पण से भरा था'
ब्रिटेन के नए राजा ने कहा, "मेरी माता का शासन काल समर्पण के साथ अतुलनीय था. जब भी हम शोक मनाते हैं, हम इस सबसे वफादार जीवन के लिए धन्यवाद देते हैं. महारानी ने खुद जिस समर्पण के साथ काम किया ईश्वर मुझे संवैधानिक सिद्धांतों को हमारे राष्ट्र के हित में कायम रखने की शक्ति दे."
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