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Queen Elizabeth Death: महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद 600 कंपनियों को रॉयल वॉरंट को लेकर टेंशन; जानिए क्या होता है ये

Royal Warrant: महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद अब कैडबरी चॉकलेट-बरबेरी जैकेट से लेकर शैंपेन तक 600 कंपनियों को सता रही चिंता-'रॉयल वारंट नहीं मिला तो क्या होगा. जानिए क्या होता है रॉयल वारंट

Queen Elizabeth Death: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद लगभग 600 ब्रांड्स को रॉयल वॉरंट यानी शाही मुहर हाथ से निकलने का डर सता रहा है. महारानी के पसंदीदा ब्रांड्स के लिए इस शाही निशान की खास अहमियत है. अब उन्हें शाही वॉरंट के लिए महारानी के उत्तराधिकारी और ब्रिटेन के किंग चार्ल्स III की मंजूरी का इंतजार करना होगा. इन कंपिनयों में, फोर्टनम और मेसन टी, बरबेरी रेनकोट, कैडबरी चॉकलेट और यहां तक ​​कि ब्रूमस्टिक और डॉग फूड जैसी कंपनियां शामिल हैं.

600 कंपनियों को मिला है शाही वॉरंट

कुल 600 कंपनियों को शाही मुहर मिली हुई है और अब यदि ब्रिटेन के नए किंग की स्वीकृति नहीं मिलती है, तो उनके पास उस मुहर का उपयोग करने के लिए केवल दो साल का समय बचा होगा, जिसमें वे खुद को शाही परिवार से जोड़े रख सकेंगे. बता दें कि वेल्स के राजकुमार की अपनी पूर्व भूमिका में, किंग चार्ल्स ने 150 से अधिक ब्रांडों को अपने खुद के लिए शाही वॉरंट जारी किए थे.

क्या होता है शाही वॉरंट

रॉयल वॉरंट होल्डर्स एसोसिएशन ने कहा कि शाही वॉरंट धारकों को अपने उत्पाद, पैकेजिंग, स्टेशनरी, विज्ञापन, परिसर और वाहनों पर उचित शाही मुहर को प्रदर्शित करने का अधिकार देता है. कुछ कंपनियों के लिए, अपना सामान बेचने के लिए रॉयल एंडोर्समेंट एक पावरफुल टैग है.

महारानी की पसंद की इन कंपनियों को मिला था शाही वॉरंट

फ़ोर्टनम और मेसन महारानी एलिज़ाबेथ और ग्रासर्स वेल्स के राजकुमार के पसंदीदा चाय थे, जिन्हें 1954 में रॉयल वॉरंट मिला था. 

फ़ोर्टनम और मेसन ने 1902 में राजा एडवर्ड सप्तम के लिए रॉयल ब्लेंड चाय बनाई थी.

ट्विनिंग्स के पास महारानी एलिजाबेथ और वेल्स के राजकुमार की चाय और कॉफी के लिए शाही वॉरंट थे.

बरबेरी रेनकोट को महारानी एलिजाबेथ और उनके सबसे बड़े बेटे के लिए वाटरप्रूफ और सेक्यूरिटी प्रूफ रेनकोट बनाने के लिए शाही वारंट वॉरंट हासिल है.

महारानी एलिजाबेथ को डबोननेट वाइन-एपेरिटिफ़- डबोननेट जीन कॉकटेल पसंद थे. फ्रेंच वाइन कंपनी डबोननेट और मम शैंपेन के साथ बोलिंगर, क्रुग, लैंसन, लॉरेंट-पेरियर, लुई रोएडरर, मोएट और चंदन और वीव सिलेकॉट को भी शाही वॉरंट हासिल है.

Launer कंपनी, जो 1968 से अब तक अपने वर्तमान हैंडबैग के साथ महारानी को इसकी आपूर्ति करने पर गर्व करती थी, अब अपने कीमती मार्केट को खोने से डरी हुई है.

हेंज और केलॉग्स को प्राप्त है शाही वॉरंट

उपभोक्ता ब्रांडों के पास भी शाही मुहर है, जिमें हेंज और केलॉग्स को शाही मुहर मिले हुए थे. हेंज जो अपने केचप और बेक्ड बीन्स के टिन के लिए जाना जाता है, जिसे ब्रिटेन के लोग पसंद करते हैं. तो वहीं केलॉग कंपनी महारानी एलिजाबेथ के 70 साल के शासनकाल के दौरान लगातार शाही परिवार को केलॉग की आपूर्ति करती रही है. ब्रिटेन में ब्रांड के प्रवक्ता पॉल व्हीलर ने बताया "हमारे पास एक विशेष वैन हुआ करती थी, जिसे जेनेवीव कहा जाता था, वह कारखाने से सीधे रॉयल्स को केलॉग्स पहुंचाती थी." 

शाही वॉरंट के लिए क्वालिटी ही पैमाना नहीं 

बता दें कि शाही वॉरंट 5 साल के लिए मान्य होते हैं. इसके नवीनीकरण के मानदंड कड़े हैं क्योंकि ये केवल क्वालिटी सर्विस के बलबूते ही नहीं मिलते. इसमें मानवाधिकारों से जुड़ा भरोसा भी अहम है. 

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