Elizabeth & Philip Love Story: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth) ने 70 साल तक ब्रिटेन (Britain) की गद्दी पर राज किया लेकिन उनके प्यार की उम्र इससे भी कहीं बड़ी थी. एलिजाबेथ और उनके पति फिलिप (Philip) ने 74 साल तक शादी के रिश्ते को निभाया. एलिजाबेथ और फिलिप का शादीशुदा जिंदगी जितनी खुशहाल थी उनकी लव स्टोरी (Love Story) भी किसी परीकथा से कम नहीं थी.
ये प्रेम कहानी शुरू होती है साल 1939 में… तब एलिजाबेथ महज 13 साल की थीं जब पहली बार उन्होंने ग्रीस और डेनमार्क राजकुमार प्रिंस फिलिप को देखा था. उस वक्त फिलिप की उम्र 18 साल की थी. ये मुलाकात लंदन के रॉयल नेवल कॉलेज में हुई थी, जहां एलिजाबेथ अपनी मां के साथ गई थीं. फिलिप तब रॉयल नेवी में करियर बनाने के लिए मेहनत कर रहे थे. ये पहली नजर का प्यार था. एलिजाबेथ फिलिप को देखते ही उन पर फिदा हो गई थीं. दोनों ने एक दूसरे को देखा और फिर सारी जिंदगी किसी को अपनी आंखों में नहीं बसाया.
फिलिप को देखते ही शर्मा जातीं थीं एलिजाबेथ
छुट्टी के दिनों में प्रिंस फिलिप अपने शाही रिश्तेदारों से मिलने लंदन पहुंचते थे. 1944 आते-आते एलिजाबेथ फिलिप के प्यार में पूरी तरह पड़ चुकी थी. वो फिलिप की तस्वीरें अपने कमरे में रखने लगीं. महारानी एलिजाबेथ की नैनी मैरियॉन क्रॉफर्ड ने अपनी किताब, 'द लिटिल प्रिंसेज' में लिखा कि जब कभी भी एलिजाबेथ प्रिंस फिलिप को देखती थीं, शर्म के मारे लाल हो जाती थीं. वह कभी भी अपनी निगाहें उनसे हटा नहीं पाती थीं.
युद्ध पर गए फिलिप की मजबूती बनीं एलिजाबेथ
एलिजाबेथ और फिलिप की इस प्रेम कहानी में मोड़ तब आया जब फिलिप को जंग के लिए जाना पड़ा. वो द्वितीय विश्वयुद्ध का दौर था. प्रिंस फिलिप ब्रिटेन के लिए युद्ध कर रहे थे उस समय उनकी ताकत बनी एलिजाबेथ की चिट्ठियां. इन चिट्ठियों में एलिजाबेथ अपने प्यार का इजहार करती थीं. युद्ध के बाद 1946 में प्रिंस फिलिप युद्ध से लौटे तो एलिजाबेथ के साथ उनकी कई मुलाकातें हुईं. दोनों का रिश्ता और मजबूत हो रहा था. प्रिंस फिलिप के कजिन मार्गेट रोड्स ने अपनी ऑटोबायग्राफी द फाइनल कर्टसी में लिखा कि राजकुमारी शुरुआत से ही सच्चे प्यार में थीं. उनके पिता किंग जॉर्ज को भी लगता था कि प्रिंस फिलिप ही उनके लिए सही जीवनसाथी हैं.
प्रिंस फिलिप ने एलिजाबेथ को शादी के लिए किया प्रपोज
आखिरकार 1946 में बाल्मोर ग्राउंड में प्रिंस फिलिप ने एलिजाबेथ को शादी के लिए प्रपोज किया जिसे, उन्होंने तुरंत मान लिया. एलिजाबेथ को प्रपोज करने के लिए फिलिप ने एक चिट्ठी भी लिखी थी जो काफी रोमांटिक थी. फिलिप ने लिखा कि युद्ध में जिंदा बचने और जीत देखने के बाद मुझे यह मौका मिला है कि मैं आराम कर सकूं. किसी के साथ पूरी तरह से और सादगी के साथ प्यार में होने से अपनी तकलीफें और दुनियाभर की मुश्किलें बहुत छोटी लगने लगती हैं.
20 नवंबर 1947 में की दोनों ने शादी
एलिजाबेथ की हां के बाद फिलिप ने उनके पिता किंग जॉर्ज से उनका हाथ मांगा. तब किंग जॉर्ज ने कहा कि वो अभी सिर्फ सगाई करें. शादी तब होगी जब एलिजाबेथ 21 साल की हो जाएंगी. 1947 में दोनों की सगाई हुई. सगाई की अंगूठी फिलिप की मां के टियारा से निकले हीरे से तैयार की गई. इसके बाद आई 20 नवंबर 1947 की वो तारीख जब वेस्टमिनिस्टर एब्बे में दोनों की रॉयल वेडिंग हुई.
दोनों की शादी पर कई लोगों को था एतराज
प्यार बलिदान मांगता है. फिलिप ने एलिजाबेथ से शादी के लिए ग्रीक और डेनमार्क की राजशाही को ठुकरा दिया. हालांकि, दोनों की शादी पर कई लोगों को एतराज भी था. बहुत से लोग मानते थे कि प्रिंस फिलिप जर्मन और ग्रीक हैं और वो एलिजाबेथ के लिए ठीक नहीं साबित होंगे लेकिन अपनी बेटी के लिए सही और गलत क्या है उनके मां-बाप से बेहतर कोई नहीं जानता. तभी तो शादी के वक्त किंग जॉर्ज ने एक मेहमान से कहा था-
मैं प्रिंस फिलिप के फैसले से हैरान हूं. वो जानता है कि वो क्या कर रहा है लेकिन फिर भी वो ये चाहता है. उसे मालूम है कि एक दिन एलिजाबेथ महारानी होगी और ये बस उसके साथ चलने वाला शख्स बनकर रह जाएगा. मुझे लगता है कि ये तो राजा बनने से भी ज्यादा मुश्किल है.
प्यार और सम्मान पर 75 साल टिका रहा रिश्ता
किंग जॉर्ज का सोचना गलत नहीं था. शादी के पांच साल बाद ही एलिजाबेथ क्वीन एलिजाबेथ बन गईं. उनकी ताजपोशी के बाद फिलिप ने उनके सामने घुटने पर बैठकर शपथ ली कि वो उनका साथ हर पल निभाएंगे. फिलिप ने इस शपथ को निभाया. महारानी के तौर पर एलिजाबेथ को उन्होंने हमेशा आदर दिया. उनके कर्तव्य के रास्ते में वो कभी नहीं आए. दोनों का रिश्ता प्यार और सम्मान पर टिका था. 75 साल तक दोनों साथ रहे लेकिन पिछले साल फिलिप की मौत ने महारानी को अकेला कर दिया और ठीक 17 महीने बाद एलिजाबेथ भी दुनिया को अलविदा कह गईं.
अब महारानी एलिजाबेथ का अंतिम संस्कार उनके पति फिलिप की कब्र के बगल में होगा. एलिजाबेथ और फिलिप जिंदगी भर साथ रहे और मौत भी उनके साथ को तोड़ नहीं पाई.