Queen Elizabeth -II Burial: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की अंत्येष्टि यानी दफनाने (Burial) की रस्म सोमवार 19 सितबंर को की जाएगी. ब्रिटेन (Britain) में दशकों बाद यह ऐसा मौका है, जब इतनी बड़ी संख्या में शाही परिवार और दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष जुट रहे हैं. ये शाही परिवार और ब्रिटेन के लिए गम का ही सही, लेकिन ऐसा मौका है, जब भारी संख्या में लोग महारानी को आखिरी विदाई देने पहुंचेंगे. महारानी की ये विदाई पूरे सम्मान और सही तरीके से हो इसलिए यहां आने लोगों का चुनाव भी कर लिया गया है. उसी के हिसाब से महारानी के अंतिम संस्कार में पहुंचने वालों के लिए न्योते भेज दिए गए हैं. इस मौके पर राष्ट्राध्यक्षों और गणमान्य विदेशी मेहमानों सहित 500 लोगों को आने की इजाजत मिली है. 


बस से पहुंचेंगे विदेशी मेहमान


महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले विदेशी नेताओं के लिए शाही परिवार ने निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत छह दशकों बाद ब्रिटेन के इस पहले राजकीय अंतिम संस्कार स्थल तक आने वाले सभी विदेशी लोगों को बस से आने को कहा गया है. कहा गया है कि ये लोग ब्रिटेन में कर्मिशियल उड़ान से आ सकते हैं, लेकिन अंतिम संस्कार स्थल तक जाने के लिए इन सभी लोगों को बस से ही आना होगा. लंदन पहुंचने के बाद इन्हें पश्चिमी लंदन तक बस से ले जाया जाएगा. महारानी के दफनाने की रस्में वेस्टमिन्स्टर एबे में होगी. इस दौरान यहां कम से कम के 2200 लोगों होने की उम्मीद जताई जा रही है.


कौन होंगे महारानी के अंतिम संस्कार में शामिल


महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में उनके रिश्ते- नाते वाले यूरोप के शाही परिवार पहुंचेंगे. ये महारानी के बल्ड रिलेशन से आने वाले परिवार हैं. बेल्जियम के किंग फ़िलिप और क्वीन मथिल्डे महारानी को आखिरी विदाई देने पहुंच रहे हैं. इनके अलावा किंग विलेम-एलेक्ज़ेंडर और उनकी पत्नी क्वीन मैक्सिमा भी महारानी को आखिरी अलविदा कहने आ रही है. इनके साथ क्वीन मैक्सिमा की मां पूर्व डच क्वीन प्रिसेंस बिट्रिक्स भी  होंगी. स्पेन के किंग फ़ेलिपे और क्वीन लेटिज़िया ने भी आने को लेकर हामी भरी है. नॉर्वे, स्वीडन और डेनमार्क के शाही परिवार के सदस्य भी महारानी की दफन होने की रस्म में शामिल होने आ रहे हैं. 


अमेरिका के राष्ट्रपति भी पहुंचेंगे


व्हाइट हाउस के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी पत्नी जिल बाइडेन के साथ महारानी को अंतिम विदाई देने पहुंच रहे हैं. माना जा रहा है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार स्थल तक बस से नहीं जाएंगे. हालांकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की संख्या सीमित होने से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस रस्म में शामिल होने की उम्मीद कम ही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा को उनकी पत्नी मिशेल और इस देश के कुछ पूर्व राष्ट्रपतियों को प्राइवेट तौर पर आने का निमंत्रण भेजा जा सकता है. हालांकि पोलिटिको के मुताबिक़ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर कार्यालय से मिली जानकारी में उन्हें न्योता न मिलने की बात सामने आई है. जिमी 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे थे. 


कॉमनवेल्थ के नेता भी रहेंगे मौजूद


ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लंदन जा रही हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वहां जाने के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज़, न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न और कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो भी वहां पहुंचेंगे. कॉमनवेल्थ के दौर में महाराज और महारानी के प्रतिनिधि के तौर पर काम करने वाले गवर्नर जनरल भी अंतिम संस्कार में आ सकते हैं. इसके साथ ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के आने की भी उम्मीद जताई जा रही है. 


दुनिया से और कौन पहुंचेगा वेस्टमिन्स्टर एबे


पूरी दुनिया से नेता और गणमान्य सदस्यों में महारानी के अंतिम संस्कार में पहुंचने वालों में आयरिश नेता ताओइशिच माइकल मार्टिन, जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टिनमायर, इटली के राष्ट्रपति सर्गियो मातारेला और यूरोपियन कमीशन की प्रेसिडेंट उर्स वोनडर लियेन भी शामिल हैं. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल और ब्रजील के राष्ट्रपति ज़ाएर बोलसोनारो ने महारानी के अंतिम संस्कार में आने के लिए मंजूरी दी है. तुर्की के राष्ट्रपित रेचेप तैय्यप अर्दोआन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और जापानी सम्राट नारुहितो भी महारानी को आखिरी विदाई देने आ रहे हैं. हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को न्यौता भेजे जाने और उसे उनकी मंजूरी के बारे में भी अटकलें ही हैं. व्हाइटहॉल के सूत्रों की मानें तो परमाणु मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को झेल रहे ईरान की तरफ से उनके राजदूत यहां शिरकत करेंगे. 


नहीं होंगे दुनिया के इन देशों के लोग शामिल


ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में आने के लिए रूस, बेलारूस या म्यांमार के किसी प्रतिनिधि को न्यौता नहीं भेजा गया है. दरअसल ब्रिटेन ने फरवरी 2021 में सैन्य तख़्तापलट के बाद म्यांमार (Myanmar) में भी अपनी राजनयिक मौजूदगी कम कर दी है. रूस के साथ यूक्रेन हमले से ब्रिटेन के कूटनीतिक रिश्ते खत्म हो गए हैं. रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता ने पहले ही उनके जाने से इंकार किया था. बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको रूसी राष्ट्रपति पुतिन के नजदीकी होने से नहीं बुलाया गया है. 


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