Racial Discrimination Case In America: दुनियाभर से नस्लीय भेदभाव की खबरें आती रहती हैं. दुनिया का सबसे विकसित देश कहा जाने वाला अमेरिका भी इससे अछूता नहीं है. दरअसल, अमेरिका में भारतीय मूल की एक प्रोफेसर ने मुकदमा दायर किया है. इसमें उन्होंने आरोप लगाया गया है कि उनके साथ नस्लीय और लैंगिक भेदभाव किया गया है. इस वजह से उन्हे आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ा है. 


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिका में रहने वाली एक भारतीय मूल की प्रोफेसर ने वेलेस्ली, मैसाचुसेट्स बिजनेस स्कूल के खिलाफ कथित रूप से लिंग और नस्लीय भेदभाव का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है. द बोस्टन ग्लोब की रिपोर्ट के अनुसार, एंटरप्रेन्योरशिप’ की एसोसिएट प्रोफेसर लक्ष्मी बालचंद्र ने आरोप लगाया कि उनके साथ भेदभाव हुआ है.


प्रोफेसर की शिकायत


प्रोफेसर लक्ष्मी बालचंद्र का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने उन्हें कई जगह नजरअंदाज किया है. इस कारण, योग्य होते हुए भी उन्होंने कई मौके खो दिए हैं. जिससे उन्हें न केवल आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है. बोस्टन के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दायर शिकायत में प्रोफेसर ने कहा कि कॉलेज प्रशासन श्वेत और पुरुष फैकल्टी का पक्ष लेते हैं और उन्हीं के लिए पुरस्कार और विशेषाधिकार सुरक्षित रखते हैं.


इस दौरान उन्होंने प्रोफेसर और कॉलेज के एंटरप्रेन्योरशिप प्रभाग के पूर्व अध्यक्ष एंड्रयू कॉर्बेट पर भेदभावपूर्ण व्यवाहर और काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि उनका रिसर्च रिकॉर्ड बेहद अच्छा रहा है, वो लंबे वक्त से कॉलेज में सेवाएं दे रहीं हैं. बावजूद इसके उन्हें शोध करने और अन्य जरूरी कार्यों से दूर रखा गया. इस वजह से उन्हें ठेस भी पहुंची. प्रोफेसर की वकील मोनिका शाह ने बताया कि उन्होंने ‘मैसाचुसेट्स कमीशन अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ में भेदभाव का मुकदमा भी दायर किया है. 


कॉलेज प्रशासन ने दी सफाई


इस बीच कॉलेज प्रशासन ने अपनी सफाई में कहा कि भारतीय मूल के प्रोफेसर की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है. उनकी जांच की जायेगी. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कॉलेद प्रशासन ने आगे कहा कि कॉलेज में किसी भी प्रकार का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाता है. 


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