राफेल फाइटर जेट ने अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए बिना रुके 12 घंटे में 17 हजार किलोमीटर उड़ान भरने का नया रिकॉर्ड कायम किया है. फ्रांस सेना के एयर टू एयर रिफ्यूलिंग ऑपरेटर Maj. Pierrick ने कहा है कि फ्रांस यूरोप का पहला देश है जिसने यह रिकॉर्ड कायम किया है. इस फ्रांसीसी लड़ाकू विमान ने प्रशांत महासागर में स्थित एयरबेस की यात्रा के दौरान 12 घंटे में 17000 किलोमीटर की दूरी तय की. इससे पहले कोई भी राफेल विमान इतनी दूरी तक बिना रुके यात्रा नहीं कर पाया है. इससे पहले राफेल विमान फ्रांस से भारत की 6700 किलोमीटर की दूरी बिना रुके तय कर चुका है. गौरतलब है भारत ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदे हैं और इनमें से 21 भारत पहुंच चुके हैं. 


12 घंटे लगातार उड़ाने वाला यूरोप का पहला विमान
फ्रांसीसी वायु सेना के एयर टू एयर रिफ्यूलिंग ऑपरेटर मेजर पियरिक ने बताया कि तीन राफेल विमानों ने बिना रुके 12 घंटे उड़ान भरकर नया रिकॉर्ड कायम कर दिया. राफेल विमानों ने यह दूरी कैलिफोर्निया से उड़कर दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित फ्रांसीसी एयरबेस ताहिती तक पहुंचने के दौरान तय की है. इस दौरान राफेल विमान में हवा में ही सात बार ईंधन भरा गया. मेजर पियरिक ने बताया कि 12 घंटे तक लगातार उड़ान भरने वाला राफेल यूरोप का पहला फाइटर जेट है. 


तीन राफेल विमानों ने भरी रिकॉर्ड उड़ान
फ्रांसीसी मीडिया के अनुसार, ताहिती जाने के लिए तीन राफेल लड़ाकू विमानों सहित फ्रांसीसी वायु सेना के सात विमानों ने फ्रांस से उड़ान भरी थी. पहली बार की उड़ान में वे अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित एयरबेस पर पहुंचे. यहां से दूसरी बार की उड़ान में उन्होंने रिकॉर्ड बनाते हुए ताहिती में सुरक्षित लैंडिंग की. 15 घंटे की इस रिकॉर्ड उड़ान के दौरान राफेल लड़ाकू विमान में सात बार एयर टू एयर रिफ्यूलिंग की गई. 


विश्व में राफेल की डिमांड बढ़ी
राफेल लड़ाकू विमान की दुनिया में डिमांड बढ़ गई है. राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट से कई देशों ने विमान खरीदे हैं. भारत ने 2016 में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था. इनमें से 21 विमान भारत को मिल चुके हैं. हाल ही में क्रोएशिया के साथ 1.2 अरब डॉलर में 12 राफेल मल्टी रोल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए समझौता हुआ है. इससे पहले फ्रांस ने मिस्र को 30 राफेल विमान के लिए 4.5 अरब डॉलर के करार पर हस्ताक्षर किए थे. ग्रीस को भी फ्रांस ने 12 राफेल बेचे. दसॉल्ट इस राफेल जेट को एफ-5 श्रेणी की बनाने की घोषणा की है. 2030 तक इस विमान को एफ-5 यानी स्टील्थ कैपिसिटी वाले विमान में परिणत कर दिया जाएगा. अपनी कई खूबियों के कारण यह विमान आज दुनिया की सेनाओं के लिए पसंदीदा फाइटर जेट बन गया है. 


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