Sri Lanka Crisis: श्रीलंका (Sri Lnaka) की स्थिति के बारे में सभी को पता है. वहां पर आर्थिक संकट (Economic Crisis) के बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) को देश छोड़कर भागना पड़ा और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब देश में नए राष्ट्रपति (President) को लेकर बहस छिड़ गई है. फिलहाल रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं लेकिन राष्ट्रपति का चुनाव होना अभी बाकी है. रानिल विक्रमसिंघे ने 13 जुलाई को कार्यवाहक राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी.


विक्रमसिंघे अपने प्रधानमंत्री पद को छोड़ने को तैयार हैं और अगले 30 दिनों में श्रीलंका में नए राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है. विक्रमसिंघे ने कहा था कि सर्वदलीय सरकार बनने के बाद वो प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. अब बहस छिड़ गई है कि श्रीलंका का अगला राष्ट्रपति होगा कौन. इस रेस में अभी 4 नाम सामने आए हैं.


रानिल विक्रम सिंघे के अलावा साजिथ प्रेमदासा का नाम सबसे ऊपर आ रहा है. तो आइए जानते हैं कि श्रीलंका में राष्ट्रपति पद की रेस में वो कौन कौन से 4 चेहरे हैं जो अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं.


रानिल विक्रमसिंघे- मौजूदा प्रधानमंत्री


श्रीलंका में 1978 के बाद से अब तक राष्ट्रपति चुनाव संसद के माध्यम से नहीं हुआ था. इतने सालों बाद ये पहला मौका होगा जब संसद राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा. राष्ट्रपति चुनाव की अगर बात करें तो इस रेस में रानिल विक्रमसिंघे का नाम सबसे ऊपर आ रहा है. श्रीलंका में संकट के बाद रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री बनाया गया था. उन्होंने ये कमान भारी आर्थिक संकट के बीच संभाली थी.


साजिथ प्रेमदासा- विपक्ष के नेता


श्रीलंका में विपक्ष के नेता और कोलंबो से सांसद साजिथ प्रेमदासा का नाम भी राष्ट्रपति चुनाव में आगे चल रहा है. उन्होंने आर्थिक संकट के बीच दावेदारी करके सभी को चौंका दिया है. ये चर्चा इसलिए भी हो रही है कि क्योंकि इस तरह के हालातों में श्रीलंका के नए राष्ट्रपति की राहत कांटों से भरी होगी. साजिथ प्रमेदासा श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं जिनकी राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ही हत्या कर दी गई थी.


दुलस अल्हाप्परुमा- पूर्व पत्रकार


दुलस अल्हाप्परुमा श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी से सांसद और एक पत्रकार रह चुके हैं. अल्हाप्परुमा राजनीति में साल 1994 में आए थे जब उनको मास मीडिया मंत्री और कैबिनेट का प्रवक्ता बनाया गया. उसके बाद मतारा से वो सांसद बनकर सदन पहुंचे. इसके बाद उन्होंने अपने पद से उस वक्त इस्तीफा दे दिया था जब पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के घर को घेरने के बाद उन्होंने कैबिनेट भंग कर दी थी.


अनुरा कुमारा दिसानायके- मार्क्सवादी जेवीपी नेता


श्रीलंका की वामपंथी पार्टी जनथा विमुक्ति पेरामुना के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को भी राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उम्मीदवार बनने के लिए कहा गया है. उनके नाम का प्रस्ताव भी रखा गया है. उनकी तरफ से उनकी पार्टी के प्रवक्ता हारिनी ने पत्रकारों से कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि हमें लगता है कि हमारी पार्टी और हमारे नेता कई आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और वास्तव में हमारे देश में इतने लंबे समय से चल रहे जन आंदोलन की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं.


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