(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sri Lanka Crisis: रानिल विक्रमसिंघे ने ली श्रीलंका के राष्ट्रपति पद की शपथ, कर सकते हैं नए पीएम की नियुक्ति
Sri Lanka Crisis: रानिल विक्रमसिंघे इससे पहले छह बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. वह राष्ट्रपति चुनाव के शीर्ष दावेदारों में से एक थे.
Sri Lanka Crisis: रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने आज श्रीलंका (Sri Lanka) के नए राष्ट्रपति (President) के रूप में शपथ ले ली. हालांकि कार्यवाहक राष्ट्रपति के चुनाव जीतने के बाद राजधानी कोलंबो में फिर से प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी रानिल विक्रमसिंघे का विरोध कर रहे हैं. एएनआई के मुताबिक राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारियों ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि विक्रमसिंघे गुरुवार सुबह शपथ लेंगे और दिन में नए प्रधानमंत्री (Prime Minister) की नियुक्ति करेंगे.
गौरतलब है कि बुधवार 20 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में रानिल विक्रमसिंघे को 134 सांसदों के वोट मिले. गुप्त मतदान द्वारा संसद का वोट जीतने के तुरंत बाद, विक्रमसिंघे ने संसद को संबोधित किया, जिसमें विपक्षी सांसदों सहित सभी विधायकों को एकजुट होने और साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया ताकि श्रीलंका को मौजूदा आर्थिक संकट से बाहर निकाला जा सके. विक्रमसिंघे ने कहा, "हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं. आर्थिक संकट है और युवा व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं. लोग चाहते हैं कि सभी सांसद एक साथ आएं. ”
223 सांसदों ने डाले वोट
225 सांसदों में से, 223 ने एक नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मतदान किया और चार वोट अमान्य थे. अन्य दो उम्मीदवारों, श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना पार्टी के सांसद दुलास अल्हाप्पेरुमा (Dullas Alahapperuma) को 82 और नेशनल पीपुल्स पावर के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) को तीन वोट मिले.
विक्रमसिंघे राजनीति में कोई नया नाम नहीं है और इससे पहले छह बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. वह राष्ट्रपति चुनाव के शीर्ष दावेदारों में से एक थे जिसमें सदन के सदस्यों ने गुप्त मतदान के माध्यम से वोटिंग की.
राजपक्षे के इस्तीफे के बाद अंतरिम राष्ट्रपति बने थे विक्रमसिंघे
बता दें देश में अब तक के सबसे भीषण आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की नाकामी के बाद लोग सड़कों पर उतर आए थे और राष्ट्रपति आवास में घुस गए थे. राजनीतिक उथल पुथल और देश में फैले अराजकता के माहौल के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ( Gotabaya Rajapaksa) देश छोड़कर भाग गए और राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद विक्रमसिंघे को श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति (Interim President ) के रूप में नियुक्त किया गया था.
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