कोलंबिया विश्वविद्यालय में भारत निवासी अंतर्राष्ट्रीय मामलों की पढ़ाई कर रही छात्रा रंजनी श्रीनिवासन को छात्र वीजा रद्द होने के बाद अमेरिका छोड़ना पड़ा. उनका कहना है, ''मैंने कभी नहीं सोचा था कि सोशल मीडिया पर इस तरह का राजनीतिक भाषण पोस्ट करना भयानक सपने की तरह हो सकता है.''


अमेरिका के विदेश विभाग ने 37 वर्षीय छात्रा श्रीनिवासन का 5 मार्च को वीजा रद्द कर दिया था, जिसमें उन पर आतंकवादी संगठन हमास को समर्थन देने वाली गतिविधियों में कथित रूप से संलिप्तता का आरोप लगा था. विदेश विभाग का कहना है कि उन्हें 11 मार्च को स्व-निर्वासन के दौरान न्यूयॉर्क के लागार्डिया हवाई अड्डे पर कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) होम ऐप का उपयोग करते हुए उनकी फुटेज मिली है.


'मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक पोस्ट करना इतना भयानक होगा' 
न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में छात्रा रंजनी श्रीनिवासन ने कहा, 'मुझे डर है कि सबसे लो लेवल के एक राजनीतिक भाषण या जो हम सभी करते हैं- जैसे कि सोशल मीडिया पर चिल्लाना भी एक तरह के भयानक सपने में बदल सकता है, मैंने कभी नहीं सोचा था. कोई मुझे आतंकवादी समर्थक कह रहा है और ऐसे में आपको सचमुच अपने जीवन और अपनी सुरक्षा को लेकर डर लगने लगता हैं'. 


पुलिस ने किया था गिफ्तार
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीनिवासन की परेशानियां पिछले साल तब शुरू हुईं जब उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय के बाहर से गिरफ्तार किया गया. उसी दिन फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हैमिल्टन हॉल पर कब्जा कर लिया. रंजनी श्रीनिवासन उस दिन अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गई थीं और लौटते समय भीड़ होने के कारण पुलिस की कार्रवाई में फंस गईं. हालांकि, वो विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं थी लेकिन जब वो घटनास्थल से गुजर रही थीं तो पुलिस ने उसे धक्का दिया और गिरफ्तार कर लिया. रंजनी श्रीनिवासन को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया और दो समन जारी किए गए. एक ट्रैफिक में बाधा डालने के लिए और दूसरा तितर-बितर होने से इनकार करने के लिए. 






अमेरिका छोड़कर जाना पड़ा कनाडा
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ समय बाद ही उनके मामले को खारिज कर दिया गया और कोई आपराधिक आरोप नहीं लगाया गया जैसा कि उनके वकीलों और अदालती दस्तावेजों से पुष्टि होती है.


श्रीनिवासन का अमेरिका से कनाडा जाना पिछले साल के फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शनों से जुड़े विदेशी नागरिकों पर बढ़ती कार्रवाई के बाद हुआ है. छात्र वीजा रद्द होने के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर उन्होंने देश छोड़ने का तुरंत फैसला किया.


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