लाहौर: रणजीत सिंह पंजाब प्रांत के ऐसे महाराज हुए जिन्होंने अपने रहते हुए कभी फिरंगियों को पंजाब पर कब्जा करने नहीं दिया. उनकी वीरता और अदम्य साहस की कहानियां आज भी लोग सुन के दंग रह जाते हैं. उनके इसी शौर्य गाथा को आम लोगों के दिलों में जिंदा रखने के लिए पाकिस्तान के लाहौर में उनकी आदमकद प्रतिमा लगाई जा रही है. इसका अनावरण गुरुवार को उनकी 180वीं पुण्यतिथि पर किया जाएगा.
महारानी जिंदां महल के आगे लगाया जाएगा स्टैच्यू
आदमकद प्रतिमा का निर्माण लाहौर किले के सामने महारानी जिंदां महल के आगे किया गया है. यहीं पर रंजीत सिंह की समाधि और गुरु अर्जन देव का गुरुद्वारा डेरा साहिब भी स्थित है. बता दें कि महारानी जिंदां हवेली का नाम रंजीत सिंह की सबसे छोटी रानी के नाम पर रखा गया है जिसे अब एक गैलेरी बना दी गई है.
धरोहरों को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है
इस आदमकद प्रतिमा को घोड़े पर बिठाया दिखाया गया है. इसे लाहौर शहर की धरोहरों को सुरक्षित रखने वाली संस्था वाल्ड सिटी ऑफ लाहौर ऑथोरिटी (डब्ल्यूसीएलए) ने यूके के एक सिख फाउंडेशन के सहयोग से बनाया है. डब्ल्यूसीएलए के डायरेक्टर जनरल का स्टैच्यू निर्माण पर कहना है कि धार्मिक पर्यटन बढ़ाने पर हमारा काफी जोर है.
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