Rayyanah Barnawi: सऊदी अरब की पहली महिला एस्ट्रोनॉट, जानें कौन हैं रेयाना बरनावी
Saudi Female Astronaut: पेशे से एक ब्रेस्ट कैंसर रिसर्चर रेयाना बरनावी ने स्पेस एंड टेक्नोलॉजी फील्ड की पढ़ाई कर रखी है. रेयाना सऊदी से अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाली पहली महिला हैं.
Saudi Arbia: पूरी दुनिया में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में रूढिवादी माने जाने वाले देश भी अपनी मानसिकता बदल रहे हैं. इसी कड़ी में सऊदी नई पहल करने जा रहा है. दरअसल, सऊदी अरब से पहली महिला अंतरिक्ष की लंबी छलांग लगाने को तैयार हैं. मई में रेयाना बरनावी अंतरिक्ष के सफर पर जाने वाली हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 9 मई को रेयाना इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन के लिए रवाना होंगी. रेयाना के साथ अल-कर्नी भी इंटरनेशनल स्पेस सेंटर के लिए उड़ान भरेंगे. नासा ने इस बात की पुष्टि की है. बताते चलें कि याना पेशे से एक ब्रेस्ट कैंसर रिसर्चर हैं. इसके साथ ही वह सऊदी की पहली ऐसी महिला होंगी जो अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगी.
रेयाना बरनावी के साथ दो लोग और अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे, जिसमें नासा के पूर्व एस्ट्रोनॉट पेगी व्हिटसन और बिजनेसमैन जॉन शॉफनर हैं. बता दें कि इससे पहले एक अंतरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी को स्पेस में भेजा गया है. अब 9 मई को रवाना होने वाले अंतरिक्ष यात्री वहां पहुंच कर अल नियादी से मिलेंगे. इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी स्पेस-एक्स के कैप्सूल की होगी.
पेशे से एक ब्रेस्ट कैंसर रिसर्चर रेयाना बरनावी ने स्पेस एंड टेक्नोलॉजी फील्ड की पढ़ाई कर रखी है. वह पहली ऐसी महिला हैं, जिन्होंने यह ख़ास पढ़ाई की है. इसके अलावा उन्होंने न्यूजीलैंड की ओटैगो यूनिवर्सिटी से जेनेटिक इंजीनियरिंग और टिश्यू डेवलपमेंट में ग्रेजुएशन किया है.
इससे पहले भी पहल कर चुके हैं सलमान
सऊदी के क्राउन प्रिंस और प्रधामंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने देश की छवि को बदलने का प्रयास किया है. इससे पहले साल 2017 में सत्ता में आने के बाद उन्होंने सऊदी की महिलाओं को बिना पुरुष गार्जियन के ड्राइविंग करने की अनुमति दी थी. वहीं बिना पुरुष गार्जियन के महिलाओं को अकेले हवाई यात्रा का भी अधिकार दिया था.
पहले भी रिकॉर्ड बना चुका है सऊदी
मालूम हो कि इससे पहले भी सऊदी अपने नाम एक कीर्तिमान स्थापित कर चुका है. दरअसल, स्पेस मिशन पर जाने वाले पहले मुस्लिम अंतरिक्ष यात्री सऊदी से ही हैं. सऊदी के युवराज सुल्तान बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज ने 1985 में यह रिकॉर्ड अपने नामा किया था. उनके बाद यूएई के हज्जा अल मंसूरी 2019 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गए थे.
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