दहशतगर्द हाफिज सईद से सियासी हाथ मिलाएंगे परवेज मुशर्रफ
हाल ही में अपने 23 पार्टियों के 'महागठबंधन' घोषणा का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख मुशर्रफ ने कहा, "अभी कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन यदि वे गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं तो मैं उनका स्वागत करूंगा."
नई दिल्ली: पाकिस्तान की राजनीति का असली चेहरा एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने आ गया है. अब वहां की सियासत में दहशतगर्दों को शामिल होने की दावत दी जाने लगी है. कुछ दिनों पहले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का खुद को 'सबसे बड़ा समर्थक' घोषित करने के बाद पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने बड़ा एलान किया है. मुशर्रफ ने कहा कि वह आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा और इसके प्रमुख हाफिज सईद के साथ एक राजनीतिक गठजोड़ बनाने के लिए तैयार है. जमात-उद-दावा, लश्कर से ही संबद्ध संगठन है. मुशर्रफ ने आज न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, "अगर यह होना चाहिए तो यह जरूर होगा."
हाल ही में अपने 23 पार्टियों के 'महागठबंधन' घोषणा का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, "अभी कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन यदि वे गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं तो मैं उनका स्वागत करूंगा." मुशर्रफ ने पहले कहा था, "मैं एलईटी का सबसे बड़ा समर्थक हूं और मैं जानता हूं कि वे मुझे पसंद करते हैं और जेयूडी भी मुझे पसंद करता है." उन्होंने सईद को पसंद करने की भी बात भी कही थी जिसे 2008 के मुंबई आतंकी हमले का जिम्मेदार माना जाता है.
प्रतिबंधित आतंकी समूहों के पक्ष में दिए बयान से देश के बारे में संभावित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं के बारे में पूछे जाने पर मुशर्रफ ने कहा, "यह हमारा देश है. हम देश के आतंरिक हालात और यहां रह रहे लोगों से वाकिफ हैं, जानते हैं कि वे अच्छे हैं या बुरे." मुशर्रफ ने कहा, "मैंने हाफिज सईद के बारे में बात की और मैं यह गर्व से कहूंगा कि एलईटी और जेयूडी, दोनों पाकिस्तान के लिए बहुत अच्छे संगठन हैं."
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, "साल 2005 में मैंने देखा कि वे बेहतरीन इंजीनियर हैं. उन्होंने इस्लामाबाद में भूकंप के समय बेहतरीन कार्य किया. वे अल कायदा या तालिबान के पक्ष में नहीं हैं. हम उन्हें दीवार की तरफ क्यों धकेल रहे हैं?" मुशर्रफ ने कहा, "वे आतंकवादी नहीं हैं और हमें यह अमेरिका और दुनिया से कहना चाहिए."
मुशर्रफ की यह हालिया टिप्पणी 24 नवंबर को सईद पर से नजरबंदी के हटने के बाद आई है. सईद की आतंकवादी गतिविधियों के लिए अमेरिका ने उसके सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा हुआ है.